लेखक : बीएस संपादकीय

आज का अखबार, संपादकीय

Editorial: गलत सूचनाओं में इजाफा

मेटा (फेसबुक और इंस्टाग्राम की मालिक कंपनी) द्वारा अपना फैक्ट चेक कार्यक्रम बंद करके उसकी जगह एक्स (पूर्व में ट्विटर) की तरह ‘कम्युनिटी नोट्स’ शुरू करने का फैसला अमेरिका की राजनीतिक व्यवस्था में होने जा रहे बदलाव की वजह से लिया जा रहा है। मेटा के खिलाफ ऐंटीट्रस्ट जांच चल रही हैं। इसके तहत बाजार […]

आज का अखबार, संपादकीय

Editorial: मेट्रो की उपयोगिता

केंद्र सरकार ने बताया है कि देश के 11 राज्यों के 23 शहरों में मेट्रो का कुल नेटवर्क 1,000 किलोमीटर से अधिक हो चुका है। लगभग 1,000 किलोमीटर का अतिरिक्त मार्ग अभी निर्माणाधीन है या फिर उसकी योजना उन्नत स्तर पर है। यह एक उल्लेखनीय उपलब्धि है क्योंकि देश विश्वस्तरीय शहरी अधोसंरचना तैयार करने में […]

आज का अखबार, संपादकीय

Editorial: NSO के आंकड़ों के मायने

चालू वित्त वर्ष (2024-25) में राष्ट्रीय आय के पहले अग्रिम अनुमान राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) ने मंगलवार को जारी कर दिए। इनके मुताबिक देश की अर्थव्यवस्था 2023-24 के 8.2 फीसदी की तुलना में इस वर्ष 6.4 फीसदी की दर से बढ़ेगी। NSO का अनुमान भारतीय रिजर्व बैंक के 6.6 फीसदी के अनुमान से थोड़ा कम […]

आज का अखबार, संपादकीय

Editorial: क्विक कॉमर्स कंपनियां बनाम किराना दुकान

क्विक कॉमर्स कंपनियों का कारोबार तेजी से बढ़ा है और इसके साथ ही वे सरकार की निगरानी में आ गई हैं। क्विक कॉमर्स एक विशिष्ट कारोबारी मॉडल है जिसमें बहुत अधिक संभावनाएं हैं। यह न केवल मूल्यांकन की दृष्टि से बेहतर है बल्कि यह वैश्विक स्टार्टअप जगत में भी अपने लिए जगह बनाने में सक्षम […]

आज का अखबार, संपादकीय

Editorial: डेटा संरक्षण के नियम

इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने हाल ही में ‘डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन रूल्स 2025’ का मसौदा सार्वजनिक फीडबैक के लिए जारी कर दिया। इससे पहले ‘डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन ऐक्ट 2023’ यानी डीपीडीपी आया था जो अगस्त 2023 में कानून बना। नियम इस लिहाज से अहम हैं कि ये इस अधिनियम के क्रियान्वयन ढांचे […]

आज का अखबार, लेख, संपादकीय

Editorial: 2024 अब तक का सबसे गर्म साल, जलवायु संकट से निपटने के लिए ठोस कदम की जरूरत

वर्ष 1901 में जब से देश में तापमान का हिसाब रखा जाने लगा, तब से अब तक का सबसे अधिक गर्म वर्ष 2024 रहा। इसमें आश्चर्यचकित करने वाली कोई बात नहीं है लेकिन नीति निर्माताओं को इस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि बीसवीं सदी […]

आज का अखबार, संपादकीय

Editorial: डॉलर- रुपये समीकरण पर गहमागहमी

गत शुक्रवार को दिन में कारोबार के दौरान रुपया डॉलर के मुकाबले 85.81 के साथ अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया। तब से इसने थोड़ी वापसी की है लेकिन अभी भी वह 85.7 से 85.8 के दायरे में ही है। पिछले कुछ सप्ताह में रुपये में यह गिरावट सकारात्मक संकेत है। ऐसी […]

आज का अखबार, संपादकीय

Editorial : AAP का 2100 रुपये का चुनावी वादा और नकदी हस्तांतरण का अर्थशास्त्र

दिल्ली में मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना और अन्य योजनाओं की घोषणा करने वाली सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (आप) मुश्किलों में पड़ गई है क्योंकि दिल्ली सरकार ने हाल ही में इन योजनाओं के पंजीयन के विरुद्ध सार्वजनिक नोटिस जारी किया। राजनीतिक सत्ता के वादे के खिलाफ एक सरकारी विभाग द्वारा सार्वजनिक नोटिस जारी किया जाना […]

आज का अखबार, संपादकीय

Editorial: RBI की अर्द्धवार्षिक FSR रिपोर्ट के मायने

तमाम घटनाओं से भरा हुआ वर्ष 2024 समाप्त हो गया है। इसी सप्ताह भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की अर्द्धवार्षिक वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (एफएसआर) भी प्रकाशित हुई। यह रिपोर्ट देश की वर्तमान वित्तीय व्यवस्था को लेकर एक नजरिया पेश करती है और इससे आने वाले वर्ष में क्या कुछ हो सकता है, इसको लेकर व्यापक समझ […]

अर्थव्यवस्था, संपादकीय

Editorial: बहुत कुछ कहता घरेलू उपभोग व्यय सर्वेक्षण (HCES)

सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय ने घरेलू उपभोग व्यय सर्वेक्षण यानी एचसीईएस का 2023-24 का संस्करण गत सप्ताह जारी किया। हाल के महीनों में देश की अर्थव्यवस्था में मांग की स्थिति को लेकर तमाम चिंताएं जाहिर की गईं, खासकर बड़े शहरों में। इसके अलावा व्यापक अर्थव्यवस्था की दिशा पर इसके असर को लेकर भी बात […]