लेखक : बीएस संपादकीय

आज का अखबार, लेख, संपादकीय

Editorial: रेलवे में सुधार की जरूरत

ठीक सौ साल पहले वर्ष 1924 में देश में प्रथम रेल बजट प्रस्तुत किया गया था। वह ऐसा कालखंड था जब रेल बजट का आकार सामान्य बजट से भी अधिक था। तब से परिस्थितियां बहुत बदल चुकी हैं और भारत में अब अलग से रेल बजट प्रस्तुत करने का चलन समाप्त कर दिया गया है। […]

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Editorial: दूर होगी बाजार की कमी

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने म्युचुअल फंड निवेशकों के लिए एक परिसंपत्ति वर्ग का प्रस्ताव रखा है। इस संबंध में एक मशविरा पत्र 16 जुलाई को प्रकाशित किया गया और प्रस्तावित योजना पर सार्वजनिक टिप्पणियां 6 अगस्त तक स्वीकार की जाएंगी। यह नया परिसंपत्ति वर्ग परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों (एएमसी) को इजाजत देगा कि […]

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Editorial: वित्तीय स्पष्टता की आवश्यकता

केंद्र सरकार ने राजस्व के मोर्चे पर बेहतर हुई स्थिति का फायदा उठाते हुए चालू वर्ष के लिए कम राजकोषीय घाटा दर्शा कर अच्छा किया है। चालू वित्त वर्ष में घाटे को सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी के 4.9 फीसदी के बराबर रखने का लक्ष्य तय किया गया है जबकि अंतरिम बजट में यह लक्ष्य […]

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Editorial: पूंजीगत लाभ कर ढांचे को सहज बनाना बजट की अच्छी बात, अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन पर निर्भर होगा शेयर बाजार

Union Budget 2024: मंगलवार को प्रस्तुत केंद्रीय बजट में एक अच्छी बात रही पूंजीगत लाभ ढांचे को सहज बनाना। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि चुनिंदा वित्तीय परिसंपत्तियों पर अल्पावधि का पूंजीगत लाभ कर 20 फीसदी की दर से लगाया जाएगा जबकि पहले यह 15 फीसदी की दर से लगाया जाता था। अन्य […]

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Editorial: संतुलन साधने वाला बजट

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2024-25 का बजट पेश करते समय उस राजनीतिक संदर्भ का जिक्र नहीं किया, जिसमें उनके मंत्रालय को बजट तैयार करना पड़ा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली इस नई सरकार के समक्ष पहले की तुलना में अधिक चुनौतियां हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कुछ कट्टर समर्थकों […]

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Editorial: विकसित भारत का लक्ष्य हासिल करने के लिए टिकाऊ विकास की राह

मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) वी अनंत नागेश्वरन और वित्त मंत्रालय की उनकी टीम द्वारा तैयार आर्थिक समीक्षा (Economic Survey 2024) से एक स्पष्ट संकेत नजर आता है। वह यह कि भारतीय अर्थव्यवस्था महामारी से मजबूती से उबर चुकी है लेकिन विकसित भारत का लक्ष्य हासिल करने के लिए टिकाऊ वृद्धि के लिए निरंतर हस्तक्षेप की […]

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Editorial: मुद्रास्फीति प्रबंधन पर ध्यान

जून माह की हेडलाइन मुद्रास्फीति दर 5.08 फीसदी के साथ चार माह के उच्चतम स्तर पर है जबकि उससे पिछले माह यह 4.8 फीसदी के स्तर पर थी। यह दर रिजर्व बैंक के 4 फीसदी के मुद्रास्फीति लक्ष्य से काफी अधिक है। बहरहाल, बाजार में एक नजरिया यह भी है कि चूंकि कोर मुद्रास्फीति की […]

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Editorial: इलेक्ट्रिक वाहनों में निवेश

भारत का 2030 तक उत्सर्जन में 45 प्रतिशत की कमी करने तथा 2070 तक उत्सर्जन को विशुद्ध शून्य तक लाने का लक्ष्य, काफी हद तक इस बात पर निर्भर करता है कि हम इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को किस हद तक अपना पाते हैं। हम पहले ही खुद को दुनिया में इलेक्ट्रिक व्हीकल के सबसे तेज बढ़ते […]

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Editorial: राजकोषीय मजबूती और केंद्र-राज्य कोष प्रबंधन पर जोर

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अगले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश करेंगी। बजट से अपेक्षाएं हैं कि करों को युक्तिसंगत बनाने, पूंजीगत व्यय बढ़ाने और रोजगार तैयार करने के मुद्दे इसमें अहम रहेंगे। यह संभव है कि पूर्ण बजट अंतरिम बजट के साथ तालमेल वाला […]

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Editorial: प्रतिगामी है कर्नाटक का प्रस्तावित कानून, बेहतरीन प्रतिभाएं चुनने की उद्योगों को होनी चाहिए आजादी

कर्नाटक मंत्रिमंडल ने निजी नौकरियों में स्थानीय आरक्षण को अनिवार्य करके इस विवाद को नया मोड़ दे दिया है। संबंधित विधेयक को वर्तमान विधानसभा सत्र में पेश किया जाना है और इसमें कहा गया है कि स्थानीय कंपनियों के रोजगार में प्रबंधन के पदों पर 50 फीसदी और गैर प्रबंधकीय पदों पर 75 फीसदी नियुक्तियां […]