लेखक : बीएस संपादकीय

आज का अखबार, संपादकीय

Editorial: सतत सामाजिक संकट, महिलाओं पर अपराध में इजाफा

भारत ग्लोबल साउथ (दुनिया के विकासशील देश) के नेतृत्व या संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के साथ जहां विश्व स्तर पर अपने कद को बड़ा करना चाहता है, वहीं राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़े बताते हैं कि महिला सुरक्षा के मोर्चे पर हालात बेहद खराब हैं। एनसीआरबी के रिकॉर्ड के मुताबिक […]

आज का अखबार, संपादकीय

Editorial: विधानसभा चुनाव में हार के बाद ‘इंडिया’ का भविष्य

विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ ने 1 सितंबर को मुंबई में अपनी पिछली बैठक में सीट साझेदारी की व्यवस्था को ‘तुरंत’ हल करने का ‘संकल्प’ लिया था और कहा था कि इसे आपसी सामंजस्य की भावना के साथ जल्दी पूरा किया जाएगा। यह भी कहा गया था कि देश भर में सार्वजनिक मुद्दों पर जनसभाओं का आयोजन […]

आज का अखबार, संपादकीय

Editorial: ब्याज दरों को लेकर प्रतीक्षा करने का वक्त

भारतीय रिजर्व बैंक की छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (MPC) की इस सप्ताह होने वाली बैठक अनुकूल आर्थिक परिदृश्य में होने जा रही है। गत सप्ताह जारी किए गए आंकड़े दर्शाते हैं कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था ने 7.6 फीसदी की वृद्धि हासिल की। एमपीसी ने इस अवधि में 6.5 […]

आज का अखबार, संपादकीय

COP28: भारत के पास जलवायु परिवर्तन लक्ष्यों को हासिल करने का मौका

जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन या कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज के 28वें संस्करण यानी कॉप 28 की बैठक इस समय दुबई में चल रही है और कुछ महत्त्वपूर्ण घोषणाएं सुनने को मिल चुकी हैं। कॉप शिखर बैठकों का मूल उद्देश्य ऐसे बाध्यकारी समझौतों को अंजाम देना था जो ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को सीमित […]

आज का अखबार, लेख, संपादकीय

Assembly Election Results 2023 : मजबूत होती भाजपा

यदि हालिया विधानसभा चुनावों के नतीजों को 2024 के आम चुनावों का ‘सेमीफाइनल’ माना जाए तो यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जीत निश्चित है। सत्ताधारी दल ने तीन हिंदी प्रदेशों में जीत का परचम लहराया जबकि कांग्रेस को तेलंगाना से संतोष करना पड़ा। बड़ी तस्वीर पर गौर करें […]

आज का अखबार, संपादकीय

GDP के आंकड़े खुशनुमा पर नाजुक

भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के हालिया आंकड़े खुश करने वाले हैं मगर भ्रामक नहीं हैं क्योंकि उनसे वाकई अच्छे संकेत मिलते हैं। तिमाही जीडीपी आंकड़ों के साथ एक चेतावनी भी आनी चाहिए थी: नाजुक, एहतियात बरतें! इसकी वजह समझने के लिए जुलाई-सितंबर तिमाही के लिए 7.6 फीसदी जीडीपी वृद्धि बताने वाले आंकड़ों पर […]

आज का अखबार, संपादकीय

दूसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था ने चौंकाया, लेकिन धीमेपन की आशंका

वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही यानी जुलाई-सितंबर के दौरान अर्थव्यवस्था सालाना आधार पर 7.6 फीसदी की दर से बढ़ी। इस बात ने अधिकांश विश्लेषकों को सकारात्मक ढंग से चौंकाया। अधिकांश अर्थशास्त्री आशा कर रहे थे कि वृद्धि दर 7 फीसदी के आसपास रहेगी। बहरहाल, अक्टूबर में बिज़नेस स्टैंडर्ड के एक आयोजन में भारतीय रिजर्व बैंक […]

आज का अखबार, संपादकीय

Editorial: सिलक्यारा घटना के सबक

उत्तराखंड में सिलक्यारा सुरंग से 41 श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालने के लिए विभिन्न एजेंसियों के बीच आपसी समन्वय सराहनीय रहा है। भारतीय परियोजना प्रबंधन में ऐसी उपलब्धि यदा-कदा ही दिखती है। इसमें कोई शक नहीं कि सरकार ने सुरंग में फंसे इन लोगों को बाहर निकालने में कोई कसर नहीं छोड़ी। सामान्य आपदा प्रतिक्रिया […]

आज का अखबार, संपादकीय

Editorial: भारतीयों के लिए अधिक जीवंत बने पर्यटन क्षेत्र

श्रीलंका, थाईलैंड और मलेशिया ने पर्यटन उद्योग को प्रोत्साहित करने के वास्ते भारतीयों के लिए वीजा की आवश्यकता समाप्त कर दी है। ऐसी खबरें हैं कि वियतनाम भी ऐसी ही नीति शुरू करने पर विचार कर रहा है। थाईलैंड अपने पूर्वी आर्थिक गलियारे में भारतीय नागरिकों के लिए 10 वर्ष की अवधि का निवेशक वीजा […]

आज का अखबार, संपादकीय

Editorial: जलवायु परिवर्तन को लेकर तेज करने होंगे प्रयास

संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन फ्रेमवर्क सम्मेलन के निकाय कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज (COP) की दुबई में प्रस्तावित 28वीं बैठक से पहले संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम ने उत्सर्जन अंतर रिपोर्ट जारी की है। दुबई में आयोजित होने वाले इस सम्मेलन का इसलिए भी विशेष महत्त्व है कि यह विभिन्न देशों के लिए यह आकलन करने का अवसर […]