Budget 2024: वर्ष 2019 के चुनावी साल में अंतरिम और पूर्ण बजट में जहां बहुत ज्यादा बदलाव देखने को नहीं मिला था, इसके उलट इस बार के बजट और इसे लेकर आ रही प्रतिक्रियाओं में नई लोक सभा की झलक साफ दिखती है, जिसमें भाजपा सदस्यों की संख्या कम हो गई है और तेदेपा और जदयू पर सरकार की निर्भरता बढ़ गई है। बजट भाषण में बिहार और आंध्र प्रदेश का कई बार जिक्र किया गया।
जब बाढ़ से ग्रस्त बिहार जैसे राज्यों के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री ने मदद का ऐलान तो एर्नाकुलम से कांग्रेस सांसद हिबी ईडन ने सवाल उठाया कि केरल के लिए क्या दिया? इस पर तमाम सांसद हंसने लगे। इसके बाद वित्त मंत्री ने जब बिहार के नालंदा और राजगीर जैसे पर्यटन केंद्रों की विकास परियोजनाओं के लिए आवंटन का ऐलान किया तो द्रमुक सांसद दयानिधि मारन ने पूछा कि तमिलनाडु का क्या होगा? इसी प्रकार एनसीपी नेता सुप्रिया सुले ने कहा, ‘यह आंध्र प्रदेश और बिहार का बजट है।’
बजट पेश करने के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा कि अंतरिम और पूर्ण बजट में बहुत ज्यादा बदलाव नहीं है। उन्होंने कहा, ‘मैं अंतरिम बजट के मूल भाव से बिल्कुल नहीं भटकी।’ आंध्र प्रदेश को विशेष पैकेज के बारे में उन्होंने कहा कि राज्य की नई राजधानी अमरावती को वित्तीय मदद देना बहुत जरूरी था।
संभवत: लोक सभा के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ जब सदन में प्रवेश करते हुए लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला का स्वागत भारत माता की जय और अस्सलामुअलैकुम की गूंज के साथ हुआ। मोदी-मोदी और जय श्रीराम का नारे की आवाज इस बार बहुत हल्की थी।
सदन में शुरुआत से ही बिहार के एक सांसद बार-बार कह रहे थे, ‘ मैडम, बिहार को भी कुछ दीजिए।’ बजट भाषण में जब-जब आंध्र प्रदेश के शहरों-कस्बों का जिक्र आता तो कांग्रेस सांसद जोर-जोर से चिल्लाते, ‘कुर्सी बचाओ…।’
बजट भाषण के दौरान ऐसे भी क्षण आए जब सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों की ओर से तालियों की गूंज सुनाई दी। कैंसर का पता लगाने वाले कुछ उपकरणों पर कस्टम ड्यूटी में छूट का जैसे ही ऐलान हुआ, दोनों तरफ की मेजों पर तालियां बजने लगीं।
यही नहीं, अलग-अलग रंग सदन में बदले राजनीतिक परिदृश्य को भी परिलक्षित कर रहे थे। समाजवादी पार्टी के सांसदों ने लाल टोपी पहनी थी। वहीं, तृणमूल कांग्रेस के कुछ सांसद आसमानी रंग की जैकेट पहने हुए थे। इसके अलावा, भाजपा का भगवा और तेदेपा का रंग गहरा पीला भी खूब झलक रहा था। शायद पहली बार सदन की दर्शक दीर्घा में बड़ी संख्या में अतिथि भगवा पहने दिखाई दिए।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जब घर से संसद जाने के लिए निकलीं तो उन्होंने अपनी बेटी वांग्मयी और अपने परिवार के अन्य सदस्यों को हाथ हिलाकर अभिवादन किया। आज के लिए उन्होंने अपने पहनावे में हल्के मगर शानदार-शाही रंगों का चयन किया था। सीतारमण ने बैगनी रंग के चौड़े बॉर्डर वाली जरी से सजी सफेद साड़ी पहनी थी। मैसूर क्रैप सिल्क ऐसा कपड़ा है, जो कर्नाटक के अलावा कोई अन्य राज्य नहीं बुन सकता। इसमें उन्होंने अपने राज्य के रंग का खास ख्याल रखा गया, जहां से चुनकर आती हैं।