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बजट से खपत, रोजगार और इन्फ्रास्ट्रक्चर पर फोकस की उम्मीद: सीईओ सर्वे

17 सीईओ में से 82% खपत बढ़ाने की उम्मीद, 70% का मानना- इन्फ्रास्ट्रक्चर को मिलेगा प्राथमिकता; निजी खपत की रिकवरी और रोजगार सृजन पर रहेगा फोकस

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बीएस संवाददाता   
Last Updated- January 27, 2025 | 10:40 PM IST

भारत के मुख्य कार्याधिकारियों (सीईओ) ने 1 फरवरी को पेश किए जाने वाले केंद्रीय बजट में उपभोक्ता व्यय को बढ़ावा दिए जाने, बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण की पहल को गति देने और रोजगार सृजन पर बल देने की उम्मीद जताई है। नरेंद्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का यह दूसरा बजट होगा। पिछले सप्ताह 17 सीईओ के बीच कराए गए बिज़नेस स्टैंडर्ड के सर्वे से पता चलता है कि इनमें से 82 प्रतिशत खपत को बढ़ावा दिए जाने के कदमों की उम्मीद कर रहे हैं।
एक बड़े हॉस्पिटल चेन के सीईओ ने कहा, ‘व्यक्तिगत कर ढांचे में बदलाव करने की जरूरत है। जब तक मध्य वर्ग के हाथों में पैसे नहीं आता, खपत नहीं बढ़ेगी।’

क्रिसिल के मुताबिक पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में भारत में निजी खपत की वृद्धि 2 दशक के निचले स्तर, 4 प्रतिशत पर पहुंच गई थी। हालांकि चालू वित्त वर्ष में तेज रिकवरी हुई और यह 7.3 प्रतिशत पर पहुंची, लेकिन इसकी प्रमुख वजह कम आधार है। ऐक्सिस सिक्योरिटीज के प्रबंध निदेशक (एमडी) और सीईओ प्रणव हरिदासन ने कहा, ‘प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) में कुछ कटौती की अटकलबाजी हो रही है, लेकिन सरकार द्वारा राजस्व पर ध्यान दिए जाने के कारण ऐसा लगता नहीं है।

इसकी जगह व्यक्तिगत करदाताओं को लक्षित राहत दी जा सकती है, जिसमें धारा 80सी के तहत ज्यादा छूट और नई कर व्यवस्था में समायोजन शामिल है। इससे खपत को समर्थन मिलेगा।’ सरकार ने सड़कों, राजमार्गों और मेट्रो जैसे आधुनिक बुनियादी ढांचे पर खर्च बढ़ाए थे, जिसे देखते हुए 70 प्रतिशत लोगों ने कहा कि आगामी बजट में इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर पर सबसे ज्यादा ध्यान होगा।

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लॉजिस्टिक्स फर्म डीटीडीसी एक्सप्रेस के संस्थापक, चेयरमैन और एमडी शुभाशिष चक्रवर्ती ने कहा कि 2030 तक 7 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के भारत के महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य को देखते हुए आगामी बजट में कार्यकुशलता, स्थिरता और वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता से संबंधित प्रमुख चुनौतियों का समाधान करने का बहुमूल्य अवसर है। प्रतिक्रिया देने वाले करीब 53 प्रतिशत लोगों ने उम्मीद जताई कि बजट का उनके कारोबार पर सकारात्मक असर होगा, वहीं 70.6 प्रतिशत सीईओ उम्मीद कर रहे हैं कि रोजगार सृजन और निवेश को बढ़ावा दिया जाएगा।

इसके पहले के बजट में डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर और नवोन्मेष पर ध्यान केंद्रित किए जाने को 76 प्रतिशत लोगों ने सकारात्मक बताया, जबकि 58.8 प्रतिशत उम्मीद कर रहे हैं कि इस बजट से अगले 3 साल में 5 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का सरकार का लक्ष्य हासिल करने में मदद मिलेगी। डॉनल्ड ट्रंप की शुल्क नीति के भारत पर असर के बारे में पूछे जानने पर 64.7 प्रतिशत ने कहा कि यह सकारात्मक रहेगा।

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गोल्डमैन सैक्स के मुताबिक इस बजट में 2047 तक सरकार की दीर्घकालिक आर्थिक नीति के बारे में व्यापक खाका हो सकता है। इसने रिपोर्ट में कहा है कि हम श्रम केंद्रित विनिर्माण के माध्यम से रोजगार सृजन, एमएसएमई के लिए ऋण, ग्रामीण आवास योजना को बढ़ावा दिए जाने और उतार चढ़ाव पर काबू रखने के लिए घरेलू खाद्य आपूर्ति श्रृंखला और भंडार प्रबंधन पर ध्यान जारी रखे जाने की उम्मीद कर रहे हैं।
(देव चटर्जी, प्राची पिसाल, सोहिनी दास, ईशिता आयान दत्त, अजिंक्य कावले, पीरजादा अबरार, उदिशा श्रीवास्तव और जेडन मैथ्यू पॉल)

 

First Published : January 27, 2025 | 10:40 PM IST