Union Budget 2024-25
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को विदेशी पूंजी निवेश आकर्षित करने के लिए विदेशी कंपनियों पर कॉरपोरेट कर की दर को घटाकर 35 प्रतिशत करने की घोषणा की।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को विदेशी पूंजी निवेश आकर्षित करने के लिए विदेशी कंपनियों पर कॉरपोरेट कर की दर को घटाकर 35 प्रतिशत करने की घोषणा की। वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में विदेशी कंपनियों (विशेष दरों पर वसूले जाने वाले कर को छोड़कर) की आय पर लगने वाले आयकर की दर को 40 प्रतिशत से घटाकर 35 प्रतिशत करने का प्रस्ताव रखा गया है।
सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा, ‘‘हमारी विकास जरूरतों के लिए विदेशी पूंजी को आकर्षित करने के लिए मैं विदेशी कंपनियों पर कॉरपोरेट कर की दर को 40 प्रतिशत से घटाकर 35 प्रतिशत करने का प्रस्ताव करती हूं।‘‘ बजट से पहले सोमवार को पेश आर्थिक समीक्षा 2023-24 में चीन के साथ तनावपूर्ण संबंधों के बावजूद स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देने और निर्यात बाजार का फायदा उठाने के लिए चीन से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को बढ़ाने की बात कही गई थी।
आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि अमेरिका और यूरोप के देश चीन से अपनी विनिर्माण इकाइयों को हटा रहे हैं, लिहाजा चीनी कंपनियों का भारत में निवेश करना और फिर उत्पादों का इन बाजारों में निर्यात करना अधिक कारगर हो सकता है। डेलॉयट इंडिया के भागीदार रोहिंटन सिधवा ने कहा कि विदेशी कंपनियों के लिए कर की दर 40 प्रतिशत से घटाकर 35 प्रतिशत करना और निर्यातकों पर लगने वाले दो प्रतिशत समानीकरण शुल्क को खत्म करना अचरज भरा कदम है।
सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा, ‘‘हमारी विकास जरूरतों के लिए विदेशी पूंजी को आकर्षित करने के लिए मैं विदेशी कंपनियों पर कॉरपोरेट कर की दर को 40 प्रतिशत से घटाकर 35 प्रतिशत करने का प्रस्ताव करती हूं।‘‘
बजट से पहले सोमवार को पेश आर्थिक समीक्षा 2023-24 में चीन के साथ तनावपूर्ण संबंधों के बावजूद स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देने और निर्यात बाजार का फायदा उठाने के लिए चीन से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को बढ़ाने की बात कही गई थी। आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि अमेरिका और यूरोप के देश चीन से अपनी विनिर्माण इकाइयों को हटा रहे हैं, लिहाजा चीनी कंपनियों का भारत में निवेश करना और फिर उत्पादों का इन बाजारों में निर्यात करना अधिक कारगर हो सकता है। डेलॉयट इंडिया के भागीदार रोहिंटन सिधवा ने कहा कि विदेशी कंपनियों के लिए कर की दर 40 प्रतिशत से घटाकर 35 प्रतिशत करना और निर्यातकों पर लगने वाले दो प्रतिशत समानीकरण शुल्क को खत्म करना अचरज भरा कदम है।