देश के सबसे बड़े गेहूं उत्पादक राज्य पंजाब में अब तक 26.68 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है। पर इनमें से 98.2 फीसदी गेहूं की खरीद अकेले सरकारी एजेंसियों ने की है।
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, इसकी खरीद से जुड़े सरकारी एजेंसियों और निजी मिलर्स ने इस शनिवार शाम तक 26.68 लाख टन से अधिक गेहूं की खरीद की है। फिलहाल यहां निजी और सरकारी क्षेत्र की 6 एजेंसियां गेहूं की खरीद में लगी हुई हैं। सरकार के अनुसार, उसने इस साल गेहूं की खरीद के लिए 1615 खरीद केंद्र खोले हैं।
अब तक खरीदे गए 26.68 लाख टन गेहूं में से 26.22 लाख टन सरकारी एजेंसियों ने खरीदे हैं जबकि निजी मिलर्स के हिस्से महज 47,124 टन गेहूं ही आए हैं। यह कुल खरीदारी का मात्र 1.8 फीसदी ही है। इनमें से पनग्रेन नामक एजेंसी ने 4.68 लाख टन(17.8 फीसदी)गेहूं खरीदे हैं जबकि मार्कफेड एजेंसी ने 6.42 लाख टन(24.5 फीसदी)गेहूं की खरीद की है।
पनसुप ने 6.07 लाख टन(23.1 फीसदी ), पीएसडब्ल्यूसी ने 3.35 लाख टन(12.8 फीसदी ), पीएआईसी ने 3.22 लाख टन(12.3 फीसदी) और सरकारी एजेंसी एफसीआई ने 2.47 लाख टन(9.5 फीसदी )गेहूं की खरीद की है।
एक सरकारी अधिकारी के मुताबिक, पाटियाला जिले से सबसे ज्यादा 6.04 लाख टन गेहूं खरीदे गए हैं। संगरूर जिले में 4.9 लाख टन गेहूं की खरीद की गई है और यह दूसरे नंबर पर रहा है। खरीद के लिहाज से देखा जाए तो फिरोजपुर का नंबर तीसरा है और यहां से 3.54 लाख टन की खरीद हुई है। सरकार का दावा है कि इस साल गेहूं की अच्छी खरीदारी के लिए उसने अपनी पूरी मशीनरी झोंक दी है। पूरे राज्य में उसने 1615 खरीद केद्र खोले हैं।