गेहूं के बाद अब चावल बनाएगा सरकारी खरीद का रेकॉर्ड

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 3:44 AM IST

गेहूं की रेकॉर्ड खरीद के बाद अब रेकॉर्ड बनाने की बारी चावल की है।


साल 2007-08 के खरीफ सीजन (सितंबर-अक्टूबर) को समाप्त होने में अभी चार महीने बाकी हैं, लेकिन चावल खरीद का सरकारी आंकड़ा पिछले साल के 2.51 करोड़ टन को पार करते हुए 2.52 करोड़ टन तक पहुंच गया है।

पिछले साल इस समय तक 2.32 करोड़ टन चावल की खरीद हुई थी। अनाज की खरीद और वितरण करने वाली सरकारी एजेंसी भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) को उम्मीद है कि सितंबर तक चावल खरीद का आंकड़ा 2.75 करोड़ टन को पार कर जाएगा।

वैसे गेहूं खरीद के मामले में रेकॉर्ड तो बन ही चुका है। कल यानि तीन जून तक 2.17 करोड़ टन गेहूं की खरीद होने से गेहूं की खरीद ने 2001-02 में बने 2.06 करोड़ टन का रेकॉर्ड तोड़ दिया है। गेहूं की खरीद अभी भी जारी रहने से उम्मीद की जा रही है कि 2005-06 में 2.76 करोड़ टन खरीदारी का रेकॉर्ड भी टूट जाएगा। वैसे 2005-06 में 2006-07 में हुई 2.51 करोड़ टन चावल की खरीद की तुलना में काफी अधिक 2.76 करोड़ टन चावल खरीदा गया था।

एफसीआई के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक आलोक सिन्हा के मुताबिक, पिछले साल हुई चावल की खरीद को हमने पहले ही पार कर लिया है। हमें उम्मीद है कि पूरे सीजन के दौरान हम 2.75 करोड़ टन चावल की खरीद कर सकेंगे। गौरतलब है कि खरीदे गए चावल का उपयोग सरकार द्वारा चलाए जाने वाले विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लिए किया जाता है।

अभी चावल की खरीद हरियाणा को छोड़कर सभी बड़े उत्पादक राज्यों पंजाब, आंध्र प्रदेश, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल और उड़ीसा में पिछले साल से ज्यादा रही है। अब तक पंजाब की हिस्सेदारी सबसे अधिक है। उसने अब तक केंद्रीय पूल में 78.4 लाख टन का योगदान दिया है जबकि पिछले साल इसी दौरान इसका योगदान 78.1 लाख टन का रहा था।

आंध्र प्रदेश 57.7 लाख टन, छत्तीसगढ़ 29.2 लाख टन, उत्तर प्रदेश 26.7 लाख टन और उड़ीसा ने 19.1 लाख टन चावल की खरीद की है। इन राज्यों में पिछले साल क्रमश: 45.5 लाख टन, 2.61 लाख टन, 22.5 लाख टन और 15.9 लाख टन की खरीद हुई थी। केवल हरियाणा ही ऐसा राज्य रहा है जहां अब तक चावल की खरीद पिछले साल की इसी अवधि में हुई खरीद से 2 लाख टन कम हुई है।

यहां इस साल 17.7 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी। इस साल 31 मार्च को सरकार ने गैर बासमती चावल के निर्यात पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया था। सरकार ने तय कर दिया है कि 10,000 टन से अधिक चावल खरीदने पर राज्य सरकार से जबकि 25,000 टन से अधिक की खरीदारी करने पर केंद्र सरकार के खाद्य विभाग से इसके लिए अनुमति लेनी होगी।

First Published : June 5, 2008 | 2:04 AM IST