एक बार फिर भारत रासायनिक (केमिकल) उत्पादों के खरीदारों का प्रमुख केंद्र बनने वाला है।
ओलंपिक खेलों को देखते हुए चीनी सरकार ने पेइचिंग से पांच किलोमीटर के दायरे में 257 रसायनों की बिक्री एवं उत्पादन पर प्रतिबंध लगा दिया है, इसे देखते हुए रसायनों के खरीदार अब चीन के बजाए भारत से रसायनिक उत्पादों का आयात कर रहे हैं।
रसायन के खरीदारों के रुख से भारत के रसायन निर्यात में लगभग 20 से 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, खासतौर से केमिकल हब कहे जाने वाले राज्य गुजरात से। नुकसानदेह रसायनों के उठपादन पर प्रतिबंध लगाए जाने से पेइचिंग और उसके आसपास के कई फैक्ट्रियों के बंद होने से अंतरराष्ट्रीय बाजार के खरीदारों ने, जो पहले चीन से खरीदारी करते थे, अब भारत से रसायनिक उत्पादों का आयात शुरु कर दिया है।
उद्योग से जुड़े लोगों का अनुमान है कि भारत के रसायनिक उत्पादों के निर्यात में 20 से 25 फीसदी की बढ़त हुई है जिसमें गुजरात का स्थान महत्वपूर्ण है। गुजरात में भारत के कुल रसायनिक उत्पादों के 65 प्रतिशत का उत्पादन होता है। इंडियन केमिकल काउंसिल के गुजरात हिस्से के चेयरमैन और जर्मनी की बहुराष्ट्रीय कंपनी ह्यूबाच कलर्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक रवि कपूर ने कहा, ‘निश्चित तौर पर निर्यात में बढ़ोतरी हुई है लेकिन चालू तिमाही के अंत में वास्तविक आंकड़े का पता चलेगा।
हालांकि, खरीदारों ने चीन से भारत का रुख किया है। ऐसा लगता है कि भारत फिर से उसकी खरीदारी का प्रमुख केंद्र बन रहा है।’ चीन के कुछ हिस्सों में रसायनिक उत्पादों के उत्पादन और बिक्री पर लगा प्रतिबंध भारतीय रसायन उद्योग के लिए वरदान साबित हो रहा है। डाई, इंटरमेडिएट्स, मूलभूत रसायन और अन्य उत्पादों के निर्यात में हाल में तेजी आई है।