केंद्रीय बिक्री कर (सीएसटी) में कमी के मामले में अब तक सरकार द्वारा कोई अधिसूचना जारी नहीं करने के कारण व्यापारियों में काफी असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
कारोबारियों को यह पता नहीं चल पा रहा है कि पुरानी दर से केंद्रीय बिक्री कर को लागू किया जाए या नई दर से। गत फरवरी महीने में बजट पेश क करने के दौरान वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने घोषणा की थी कि एक अप्रैल से सीएसटी की दर 3 फीसदी से घटकर 2 फीसदी हो जाएगी।
लेकिन इस मामले में अब तक कोई अधिसूचना जारी नहीं की गयी है। कारोबारियों का कहना है कि इस घोषणा पर अमल नहीं करने से उपभोक्ताओं को भी काफी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही 2010 से लागू होने वाले सामान व सेवा कर (जीएसटी) के लागू होने पर भी अभी से सवालिया निशान लग गया है। सरकार ने 2010 के अप्रैल महीने से सीएसटी को खत्म कर जीएसटी को लागू करने की घोषणा की है।
कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेड (सीएआईटी) के मुताबिक गत वर्ष के बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री ने कहा था कि हर साल सीएसटी में एक फीसदी की कमी की जाएगी। और इस प्रकार 2010 तक सीएसटी को बिल्कुल समाप्त कर जीएसटी को पूरे देश भर में लागू किया जाएगा।
वर्ष 2007-08 के दौरान सीएसटी को 4 फीसदी से कम कर 3 फीसदी कर दिया गया था। वर्ष 2008-09 के लिए इसे 2 फीसदी किया जाना है। अगले वित्त वर्ष में सीएसटी की दर 1 फीसदी हो जाएगी। इसके बाद इसे खत्म कर दिया जाएगा।
सीएआईटी के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि सीएआईटी ने इस बाबत वित्त मंत्री व वित्त मंत्रालय से जुड़े ए-म्पावर्ड कमेटी के प्रमुख असीम दास गुप्ता का ध्यान इस ओर दिलाया है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि अगर कोई व्यापारी 2 फीसदी की दर से सीएसटी ले रहा है तो उसे किसी भी प्रकार की सजा नहीं मिलनी चाहिए।