आर्थिक मंदी और मांग घटने की आशंकाओं के बीच पिछले तीन दिनों तक कच्चे तेल की कीमतों में करीब 16 डॉलर की गिरावट के बाद शुक्रवार को एशिया में तेल की कीमतों में फिर से तेजी का रुख देखा गया।
न्यू यॉर्क में अगस्त डिलीवरी के लिए लाइट स्वीट क्रूड का भाव 51 सेंट बढ़कर 129.80 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। कल न्यू यॉर्क मर्केंटाइल एक्सचेंज में अगस्त डिलीवरी के लिए भाव 5.31 डॉलर घटकर 129.29 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया था।
वहीं लंदन में ब्रेंट नॉर्थ सी तेल के सितंबर डिलीवरी का भाव 34 सेंट बढ़कर 131.41 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। कल सितंबर डिलीवरी के लिए भाव 5.12 डॉलर घटकर 131.07 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर आ गया था। कॉमनवेल्थ बैंक ऑफ ऑस्ट्रेलिया के कमोडिटी विश्लेषक डेविड मूरे ने कहा कि काफी तेज गिरावट के बाद अब हमें तेजी का रुख दिख रहा है। बार्कले कैपिटल के विश्लेषक डेविड वू के मुताबिक बुधवार को कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट की प्रमख वजह अमेरिकी तेल एवं गैसोलीन भंडारण में हुई बढ़ोतरी की रिपोर्ट है।
अमेरिकी सरकार द्वारा प्रदर्शित आंकड़ों के मुताबिक 11 जुलाई को समाप्त हुए सप्ताह में कच्चे तेल के अमेरिकी भंडार में 30 लाख बैरल की बढ़ोतरी हुई है और यह 2,969 लाख बैरल हो गया है। बाजार का अनुमान था कि अमेरिकी भंडार में 22 लाख बैरल की कमी आएगी। विश्लेषक कहते हैं कि भंडार में हुई आश्चर्यजनक बढ़ोतरी इस बात की ओर संकेत करता है कि कच्चे तेल की रेकॉर्ड कीमतों का प्रभाव अमेरिकी अर्थव्यवस्था की ऊर्जा मांगों पर पड़ता है जो पहले से ही कमजोर है।
विश्लेषकों ने बताया कि अमेरिका विश्व का सबसे बड़ा ऊर्जा उपभोक्ता है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार पेट्रोलियम उत्पादों की अमेरिकी खपत में पिछले चार सप्ताहों के दौरान पिछले साल की समान अवधि की तुलना में दो प्रतिशत की कमी आई है।