हड़ताल के चलते कच्चे तेल ने भरी उड़ान

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 7:05 AM IST

नाइजीरिया में तेल ठिकानों पर हुए हमले और वहां चल रहे हड़ताल के अलावे यूरो की तुलना में डॉलर के कमजोर होने से कच्चे तेल की कीमत में मंगलवार को फिर से तेजी दर्ज की गई है।


न्यू यॉर्क मर्केंटाइल एक्सचेंज में अगस्त में होने डिलिवर होने वाले अनुबंध का भाव 0.9 फीसदी यानी 1.21 डॉलर मजबूत होकर 137.95 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया। वहीं लंदन में इसका भाव 137.63 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया है।

जानकारों की मानें तो डॉलर के कमजोर होने की वजह से कच्चे तेल में महंगाई से बचने के लिए होने वाले निवेश में अच्छी-खासी बढ़ोतरी हुई है। इसका असर यह हुआ है कि कच्चे तेल की कीमत में आज लगातार तीसरे दिन बढ़ोतरी देखी गई है। ओपेक महासचिव चकीब खलील पहले ही सऊदी अरब द्वारा अगले महीने उत्पादन में 2 लाख बैरल प्रतिदिन वृद्धि किए जाने को गैरवाजिब ठहराते हुए कह चुके हैं कि तेल की कीमतें बढ़ने के अनेक कारण हैं और उसके द्वारा उत्पादन बढ़ाने से इसकी कीमत पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

यही नहीं, ओपेक महासचिव अब्दुला अल-बदारी का भी कहना है कि तेल की कीमतें बढ़ने के पीछे सट्टेबाजों का खेल है न कि तेल का कम उत्पादन। उन्होंने मंगलवार को ब्रुसेल्स में कहा कि ओपेक के सदस्य देशों की बात करें तो सऊदी अरब को छोड़ दें तो उत्पादन बढ़ाने की योजना किसी दूसरे देश की नहीं है। उधर, नाइजीरिया से खबर है कि पिछले हफ्ते आतंकवादियों के हमले के बाद उत्पादन में 3 लाख बैरल प्रतिदिन की कटौती के बाद अब वहां के ट्रेड यूनियनों ने शेवरन कॉर्प के विरुद्ध हड़ताल शुरु कर दी है।

शेवरन कॉर्प की प्रवक्ता मार्गरेट कूपर ने सोमवार को कहा था कि इस हड़ताल का उत्पादन प्रक्रिया पर पड़ने वाले असर के बारे में कुछ भी कहना अभी जल्दबाजी होगी। मालूम हो कि इस कंपनी का नाइजीरिया में बहुत बड़ा नेटवर्क है और वहां इसके 32 तेल उत्पादन क्षेत्र हैं। पिछले साल इसने प्रतिदिन 3.5 लाख बैरल प्रतिदिन तक उत्पादन किया है। पिछले हफ्ते एक पाइपलाइन पर हुए हमले के बाद शेवरन ने तेल के उत्पादन में 1.2 लाख बैरल प्रतिदिन की कमी कर दी थी।

इसके अलावे रॉयल डच शेल भी अपने तेल प्लेटफॉर्म पर 19 जून को हुए हमले के बाद 1.9 लाख बैरल प्रतिदिन कच्चे तेल के निर्यात को रोक सकता है। मेलबोर्न के एक विश्लेषक मार्क पेर्वन का कहना है कि जब बाजार में छोटी-छोटी चीजों से प्रभावित होने और उसके अनुसार बाजार को नियंत्रित करने वाले कारोबारी बड़ी संख्या में होते हैं तब उसका असर बड़ा व्यापक होता है।

कल भी कच्चे तेल के भाव में 1 फीसदी यानि 1.38 डॉलर प्रति बैरल की तेजी दर्ज की गई थी और यह 136.74 डॉलर तक प्रति बैरल तक पहुंच गया था। इससे पहले 16 जून को इसका वायदा भाव 139 डॉलर प्रति बैरल से ज्यादा पहुंच चुका था।

First Published : June 24, 2008 | 11:08 PM IST