कच्चे तेल में भारी उछाल के चलते भारत सरकार द्वारा चार जून को पेट्रोल-डीजल की कीमतों में की गई बढ़ोतरी से महंगाई का आंकड़ा 7 जून को समाप्त हफ्ते में चौदह साल के उच्चस्तर पर पहुंच चुका है।
विशेषज्ञों का कहना है कि अभी कच्चे तेल की कीमतों में और बढ़ोतरी होनी है और अगले एक साल में यह 250 डॉलर प्रति बैरल के आंकड़े को छू सकता है। हालांकि पिछले एक साल के दौरान तेल की कीमत लगभग दोगुनी हो चुकी है।
विशेषज्ञों का कहना है कि दुनिया भर की अर्थव्यवस्था के लिए यह काफी तकलीफदेह समय है। यूरोप को गैस की सप्लाई करने वाली अग्रणी रूसी कंपनी गौप्रोम इस महीने के शुरुआत में कहा था कि अगले एक साल में कच्चे तेल की कीमतें 250 डॉलर प्रति बैरल की रेकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच सकती है। रूसी कंपनी के इस कयास ने गोल्डमैन सैक्स के उस अनुमान को लांघ दिया है, जिसमें कंपनी ने कहा था कि साल 2009 के अंत तक कच्चे तेल की कीमतें 200 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकती है।
अगर कच्चे तेल की कीमतें 200 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंचती है तो फिर वैसे पेट्रोल व डीजल की कीमत 100 रुपये प्रति लीटर और बढ़ जाएगी, जिन पर सब्सिडी नहीं मिलती है। ग्लोबल एडवायजरी फर्म के एक विशेषज्ञ के मुताबिक, अगर सरकार पेट्रोल-डीजल की कीमतों में थोड़ी-थोड़ी बढ़ोतरी करती रही तो महंगाई का आंकड़ा 16 फीसदी तक पहुंच सकता है।
अगर महंगाई के आंकड़े में बढोरी होती रही तो भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ब्याज दरों में बढ़ोतरी करेगा और परिणाम के तौर पर इंडस्ट्री की रफ्तार में निश्चित रूप से कमी आएगी और यह 8 फीसदी के नीचे आ जाएगा। एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि फिलहाल आर्थिक बढ़ोतरी पर हम फोकस ही नहीं कर रहे बल्कि हमारा पूरा जोर महंगाई को काबू करने पर है।
इन्वेस्टमेंट बैंकिंग कंपनी मॉर्गन स्टैनली के मुताबिक, अगले दो हफ्ते में कच्चे तेल की कीमतें 150 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच जाएगी। मुंबई स्थित एक विशेषज्ञ ने कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के कई अनुमान सामने आए हैं, लेकिन इतना तो तय है कि निकट भविष्य में तेल की कीमतें बढ़ेंगी। इसके साथ ही महंगाई का आंकड़ा तो बढ़ेगा ही, इंडस्ट्री की रफ्तार धीरे-धीरे कुंद हो जाएगी।
भारत की सबसे बड़ी तेल व गैस कंपनी ओएनजीसी के चेयरमैन आर. एस. शर्मा ने इस साल के शुरू में बिजनेस स्टैंडर्ड को दिए साक्षात्कार में कहा था – हमारी कंपनी का मानना है कि जल्दी ही कच्चे तेल की कीमत तीन अंकों में पहुंच जाएगी और यह धीरे-धीरे और आगे बढ़ेगी। राजधानी दिल्ली में तैनात ओएनजीसी के एक अधिकारी ने कहा कि कच्चे तेल की ऊंची कीमत से दुनिया भर की अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ेगा और इसमें कमजोरी आएगी।
अगर कच्चे तेल की कीमत 200 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंचेगी तो फिर दुनिया भर की अर्थव्यवस्था में मंदी छा जाएगी। सरकारी तेल कंपनियों को भारत में पेट्रोल-डीजल, केरोसिन और रसोई गैस की कीमत बढ़ाने की इजाजत उस समय भी नहीं दी जाती है जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें बढ़ रही हो। इंडियन ऑयल के एक अधिकारी के मुताबिक, अगर सरकार पेट्रोल-डीजल पर सब्सिडी देती रही तो तीनों तेल मार्केटिंग कंपनियों को बीमार होने से कोई नहीं बचा सकता।
कच्चे तेल की कीमत का अनुमान
गौप्रोम का मानना है कि 2009 में तेल की कीमत 250 डॉलर प्रति बैरल होगी
गोल्डमैन सैक्स के मुताबिक 2009 तक तेल की कीमत 200 डॉलर पर पहुंचेगी
मॉर्गन स्टैनली अगले दो हफ्ते में इसे 150 डॉलर के आसपास देख रही है
ओएनजीसी का कहना है कि कच्चा तेल तीन अंकों में टिका रहेगा
इलाके का आईना
शहर पेट्रोल डीजल
दिल्ली 50.56 34.80
कराची 42.38 30.88
ढाका 38.74 23.84
कोलंबो 48.20 30.36
काठमांडू 49.97 35.13
कीमत रुपये में