आम निर्यात में भी कमी

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 8:02 AM IST

इस साल जब आम का उत्पादन शुरू हुआ था तब आम के निर्यात में पिछले साल की तुलना में तेजी से वृद्धि हुई थी, पर समय से पहले ही मानसून के आ जाने से इसके निर्यात में तेजी से गिरावट आयी है।


कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के क्षेत्रीय प्रभारी आर. के. मंडल ने सीआईआई द्वारा आम निर्यात पर आयोजित एक संगोष्ठी में यह बात कही है। उनके मुताबिक, महाराष्ट्र में अल्फांसो की फसल को जीन समस्या से पैदा होने वाले स्पाँजी टिश्यू नामक रोग से जबरदस्त नुकसान पहुंचा है। उनके मुताबिक, इस रोग के चलते आम की गुणवत्ता निर्यात के लायक नहीं रह जाती।

हालांकि इस साल आम का निर्यात पिछले साल के 80 हजार टन की तुलना में 25 फीसदी ज्यादा यानी 1 लाख टन हो जाने की उम्मीद की जा रही है। उनका यह भी कहना है कि आम के निर्यात से होने वाली आय इस साल पिछले साल के 100 करोड़ रुपये से अधिक हो जाने का आकलन है। निर्यात होने वाले आम के बाजार भाव घटाने के लिए मंडल ने सुझाव दिया कि इसकी ढुलाई हवाई जहाज की बजाय जहाज से की जाए। उधर, पश्चिम बंगाल के वानिकी मंत्री मोहंत चटर्जी ने बताया कि बारिश की वजह से गुणवत्ता प्रभावित होने से इस साल पश्चिम बंगाल से आम का निर्यात यूरोप और अमेरिका में नहीं किया जाएगा।

First Published : June 27, 2008 | 11:32 PM IST