अगर पेट्रोलियम मंत्रालय का ‘मिशन’ कामयाब रहा तो आने वाले दिनों में घरेलू इस्तेमाल वाले एलपीजी सिलिंडर का इस्तेमाल वाणिज्यिक मकसद के लिए नहीं हो पाएगा।
घरेलू इस्तेमाल वाले एलपीजी सिलिंडर के वाणिज्यिक इस्तेमाल को रोकने के लिए मंत्रालय अब घरों में इस्तेमाल किए जाने वाले एलपीजी सिलेंडरों पर रेडियो फ्रीक्वेंसी टैग लगाएगा, ताकि रेस्तरां जैसे वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में इन सिलेंडरों के इस्तेमाल पर रोक लगाई जा सके।
पेट्रोलियम मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि घरेलू इस्तेमाल वाली एलपीजी की लागत 348.89 रुपये है, जो वाणिज्यिक इस्तेमाल वाली एलपीजी सिलेंडरों की कीमत से काफी कम है। घरेलू एलपीजी सिलिंडरों के सस्ता होने से अमूमन रेस्तरां और होटल वाले इनका इस्तेमाल करते हैं।
उन्होंने कहा कि रेस्तरां और होटल प्रतिष्ठानों के लिए वाणिज्यिक सिलिंडर उपलब्ध है, हालांकि इसकी लागत ज्यादा होती है। उन्होंने कहा कि सभी घरेलू एलपीजी सिलिंडरों पर एक अनूठा नंबर लगाया जाएगा और उपभोक्ताओं को स्मार्ट कार्ड जारी किए जाएंगे। हर बार सिलिंडरों की डिलिवरी पर उक्त नंबर को स्मार्ट कार्ड में स्टोर कर दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि तेल कंपनियों की पहुंच इन सभी जानकारियों तक होगी, जो केवल उन्ही सिलिंडरों में गैस भरेंगी जिनका इस्तेमाल घरेलू मकसद के लिए किया गया है। विस्फोटकों के मुख्य नियंत्रक सीसीओई ने उक्त प्रणाली को पेश करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है और इस परियोजना को वर्ष 2009 की शुरुआत से चरणबध्द तरीके से लागू किया जाएगा।
गौरतलब है कि तेल कंपनियों ने घरेलू इस्तेमाल के सिलिंडरों की पहचान के लिए उनका रंग वाणिज्यिक सिलिंडरों के रंग से अलग रखा है। घरेलू इस्तेमाल के लिए 14.2 किलोग्राम वाले सिलिंडर का रंग लाल है, जबकि वाणिज्यिक इस्तेमाल वाले सिलिंडर का गहरा नीला होता है।
अधिकारी ने कहा कि इसके अलावा एक घर में कई कनेक्शनों को खत्म करने और पाइप्ड नेचुरल गैस का कनेक्शन रखने वाले उपभोक्ताओं से एलपीजी गैस कनेक्शन वापस लेने का भी निर्णय किया गया है। इंडियन ऑयल ने रेडियो फ्रीक्वेंसी चिप वाले एलपीजी सिलिंडरों का सफल ट्रायल भी कर लिया है।