गुर्जर आंदोलन से जीरे की आवक पर असर

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 3:02 AM IST

राजस्थान में गुर्जरों का आंदोलन जारी रहने से गुजरात और उसके पड़ोसी राज्यों के कारोबार पर काफी बुरा असर पड़ा है। जहां तक जिंस कारोबार की बात है तो यह बुरी तरह से इसकी चपेट में आया है।


आंदोलन ने देश के पश्चिमी राज्य राजस्थान से गुजरात को होने वाली जीरे और ईसबगोल की आवक को बुरी तरह से प्रभावित किया है। फिलहाल जीरे की आवक में प्रतिदिन 2,000 से 2,500 बोरियों की कमी हुई है, जबकि ईसबगोल की रोज 500 से 1,000 बोरियां पहले के मुकाबले अब कम आ पा रही हैं।

कारोबारियों के अनुसार, पिछले 10 दिनों से जारी इस आंदोलन से जीरे और ईसबगोल की आवक में लगभग 30 से 35 फीसदी की कमी हुई है। उल्लेखनीय है कि राजस्थान से गुजरात को जीरे और ईसबगोल की आवक क्रमश: मार्च और अप्रैल के महीने में शुरू होती है। राजस्थान स्थित ऊंझा मंडी जो एशिया का सबसे बड़ा मार्केट यार्ड और जीरे के कारोबार का मुख्य केंद्र है, इस आंदोलन की चपेट में बुरी तरह से आया है।

यहां से होने वाली जीरे की आवक पर इसका खासा नकारात्मक असर पड़ा है। ऊंझा के कारोबारियों के मुताबिक, फिलहाल गुजरात में होने वाली जीरे की कुल आवक का 75 से 80 फीसदी राजस्थान से आता है। वहां होने वाले आंदोलन से इसका कारोबार कितना प्रभावित हुआ होगा, इसे समझा ही जा सकता है। गुजरात में मौजूद कुल 225 कृषि मार्केटिंग यार्ड को नियंत्रित और मॉनीटर करने वाले गुजरात राज्य नियंत्रित बाजार संघ के अध्यक्ष नारायणभाई पटेल ने बताया कि गुर्जरों द्वारा परिवहन व्यवस्था को निशाना बनाए जाने से जीरे की  आवक काफी घट गई है।

राजस्थान से होने वाली जीरे की आवक अब 2,000 से 2,500 बोरी घट गई है और अब केवल 8,000 से 9,000 बोरियां रोज की ही आवक हो रही है। एक बोरी में 65 किलो जीरा होता है। जबकि ऊंझा में रोज 12,000 से 13,000 बोरियों की आवक हो रही है। इसी प्रकार ईसबगोल की आवक में रोज 500 से 1,000 बोरियो की कमी हुई है और अब यह घटकर केवल 5,000 से 6,000 बोरियां रोज ही रह गई हैं।

कारोबारियों के अनुसार, पिछले 10 दिनों से जारी इस आंदोलन से जीरे और ईसबगोल की आवक में लगभग 30 से 35 फीसदी की कमी हुई है, जिससे इन दोनों जिंसों की कीमत पर पड़ने वाले असर को साफ तौर पर देखा जा सकता है।

ऊंझा के एक कारोबारी अरविंद पटेल ने बताया कि जीरे और ईसबगोल दोनों की कीमत में अब प्रति किलो 1 रुपये से 2.5 रुपये की वृद्धि हुई है। उनके अनुसार, गुजरात में 20 किलो के जीरे और ईसबगोल के पैकेट की कीमत अब बढ़कर क्रमश: 1,750 से 1,950 रुपये और 850 से 1,000 रुपये हो गई है।

First Published : June 3, 2008 | 12:19 AM IST