कई देशों जैसे पाकिस्तान, बांग्लादेश और मलेशिया से निर्यात की जोरदार मांग दुबारा लौटने से इस हफ्ते भी लाल मिर्च का वायदा कारोबार पहले की तरह सीमित दायरे में रहने की संभावना है।
गर्मी के चलते एशिया की सबसे बड़ी गुंटर मिर्च मंडी में हाजिर कारोबार के बंद हो जाने से जिंस विशेषज्ञों का कहना है कि उन्हें मिर्च के वायदा कारोबार के बारे में कोई संकेत नहीं मिल रहे हैं। इस महीने की शुरुआत में ही गुंटुर मंडी में आग लगने से मिर्च का हाजिर कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ जिसके चलते इसे निश्चित समय से एक हफ्ते पहले ही बंद करना पड़ा।
एनसीडीईएक्स में तो पिछले हफ्ते मिर्च की जून डिलीवरी में 200 रुपये प्रति क्विंटल से अधिक की तेजी दर्ज की गई। जिंस विश्लेषकों का अनुमान है कि अभी घरेलू बाजार में निर्यात करने लायक मिर्च की लगातार कमी बनी रहेगी।
यही नहीं, वैश्विक स्तर पर भारत के मुख्य प्रतिद्वंद्वी चीन में मिर्च के उत्पादन में कमी आने और इसके परिणामस्वरूप निर्यात में होने वाली वृद्धि के चलते मिर्च की घरेलू कीमतों में कमी होने के आसार नहीं हैं। स्पाइस बोर्ड ऑफ इंडिया के अनुसार, इस साल देश से मिर्च का होने वाला निर्यात पहले के अनुमान 2 लाख टन से कहीं अधिक होगा।
मक्का में मजबूती जारी रहेगी
घरेलू और विदेशी दोनों ही मोर्चों पर जबरदस्त मांग की वजह से पिछले हफ्ते मक्के की कीमत में बढ़ोतरी हुई। जिंस विशेषज्ञों का अनुमान है कि मक्के में यह मजबूती इस हफ्ते भी जारी रहेगी। स्टॉर्च और पॉल्ट्री उद्योग की ओर से तेज मांग के चलते मक्के की कीमत में आगे भी तेजी का रुझान रहने की पूरी उम्मीद है।
हालांकि आपूर्ति के मुख्य केंद्र निजामाबाद मंडी में कमजोर आवक के बने रहने से संकेत मिलते हैं कि मक्के की कीमत में मजबूती जारी रहेगी। पिछले हफ्ते एनसीडीईएक्स में मक्के का वायदा भाव 822 रुपये प्रति क्विंटल पर खुला और बढ़कर 847 रुपये प्रति क्विंटल तक जा पहुंचा। इस साल अनुमान है कि देश का मक्का उत्पादन बढ़कर 1.6 करोड़ टन तक जा पहुंचेगा। जबकि स्टॉर्च और पॉल्ट्री उद्योग तेजी से मक्के की खरीद कर रहा है।