दुनिया में चावल का कुल उत्पादन इस साल रेकॉर्ड स्तर तक जा सकता है पर फिलहाल इसकी कीमतों में कमी के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं।
कम से कम नई फसल के आने तक तो ऐसी ही स्थिति रहने वाली है। यह आकलन संयुक्त राष्ट्र की खाद्य और कृषि संगठन एएफओ का है। इस साल एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका में चावल के उत्पादन में वृद्धि होने का अनुमान है।
एएफओ के चावल विशेषज्ञ सी. काल्पे ने सोमवार को बताया कि 2008 में दुनिया में चावल का कुल उत्पादन 2.3 फीसदी बढ़ चुका है। उनके अनुसार, आरंभिक अनुमानों से ऐसा लगता है कि इस साल चावल का उत्पादन बढ़कर 66.6 करोड़ टन तक पहुंच जाएगा।
आपूर्ति में कमी की आशंकाओं के चलते सरकारों और आयातकों द्वारा अपने-अपने भंडारों को भरने की होड़ के जारी रहने से चावल की कीमतों में इसके बावजूद तेजी बनी रह सकती है। कम-से-कम यह तेजी इस साल की तीसरी तिमाही तक तो बनी ही रहेगी। शिकागो में चावल की कीमत में लगातार सातवें दिन भी तेजी रही।
तूफान से बुरी तरह प्रभावित म्यांमार से चावल की नई खेप के दो सबसे बड़े चावल आयातक नाइजीरिया और फिलीपींस में पहुंचने में हुई देर से यह तेजी हुई है। नरगिस तूफान के पहले एएफओ का आकलन था कि म्यांमार 1.89 करोड़ टन चावल का उत्पादन करेगा।
जबकि 2008 में यह देश 6 लाख टन चावल का आयात कर सकेगा। पर इस तूफान ने देश के चावल उत्पादन पर काफी बुरा असर डाला है। इस चक्रवात ने चावल उत्पादन के मौजूदा परिदृश्य को बुरी तरह से प्रभावित किया है। लंदन में जुलाई की डिलीवरी के लिए चावल के भाव में 0.2 फीसदी की तेजी दर्ज हुई और इसमें प्रति क्विंटल 2 हजार की मजबूती आयी।