सब्जी की तीन मूलभूत चीजें आलू-प्याज और टमाटर के किसानों पर शायद शनि की साढ़े साती चल रही है।
उत्तर प्रदेश के आलू किसानों व राजस्थान के प्याज किसानों के बाद दिल्ली व उसके आसपास के टमाटर किसानों के चेहरे की लाली मलिन हो गयी है। देश के अन्य प्रांतों में भी टमाटर के किसानों का कमोबेश यही हाल है।
दिल्ली की मंडियों में टमाटर औने-पौने दामों पर बेचे जा रहे हैं। पिछले साल के मुकाबले दिल्ली की मंडी में टमाटर की कीमतों में 72 फीसदी की गिरावट आयी है। ऊपर से बरसात ने टमाटर के किसानों की रही-सही कसर भी पूरी कर दी है।
टमाटर के सड़ने की आशंका से किसानों ने दिल्ली की मंडी में 1.50-2.00 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से टमाटर को बेचना शुरू कर दिया है। छोटे व कम गुणवत्ता वाले टमाटर के भाव 1 रुपये प्रति किलोग्राम हो गये हैं। टमाटर के व्यापारियों के मुताबिक आने वाले समय में टमाटर की आवक और बढ़ेगी। लिहाजा कीमत में मजबूती की कोई संभावना नहीं है।
जिन राज्यों में टमाटर की कीमत में गिरावट दर्ज की गयी है उनमें आंध्र प्रदेश, असम, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर व पंजाब मुख्य रूप से शामिल है। दिल्ली की मंडी में बुधवार को बढ़िया किस्म के टमाटर की कीमत 160 रुपये प्रति क्विंटल बतायी गयी। पिछले सप्ताह इसकी कीमत यानी कि 16 से 23 मई के दौरान 200 रुपये प्रति क्विंटल थी।
अप्रैल महीने के दौरान इसकी कीमत 600 रुपये प्रति क्विंटल थी। जबकि पिछले साल टमाटर की कीमत 590 रुपये प्रति क्विंटल थी। आजादपुर मंडी के सब्जी आढ़ती एवं कमीशन एजेंट बलबीर सिंह कहते हैं, ‘टमाटर की कीमत में इतनी गिरावट से थोक विक्रेताओं को कोई नुकसान नहीं हो रहा है। नुकसान सिर्फ किसानों को हो रहा है। 2 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से तो उनकी लागत होती है।’
कोलकाता में टमाटर की मांग तो है लेकिन भेजने के उपाय नहीं है। बारिश के कारण टमाटर में पानी लग चुका है। जब तक टमाटर वहां पहुंचेगा तबतक वह सड़ जाएगा। टमाटर के किसानों की भी आलू व प्याज के किसानों जैसी कहानी है। उन्हें भी पिछले साल टमाटर की अच्छी कीमत मिली थी।
लिहाजा उन्होंने पैदावार ज्यादा की। दिल्ली के बाद टमाटर की कीमत में सबसे अधिक गिरावट हरियाणा व हिमाचल प्रदेश में आई है। पिछले साल के मुकाबले हरियाणा में 46 फीसदी तो हिमाचल प्रदेश में 41 फीसदी की कमी आयी है।
टमाटर के सड़ने की आशंका से किसान बेच रहे 1.50-2.00 रुपये प्रति किलो की दर से टमाटर
आने वाले समय में टमाटर की आवक और बढ़ेगी
नुकसान सिर्फ किसानों को