खाद्य पदार्थ पर प्रतिबंध लगने से कम हो सकती है महंगाई

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 06, 2022 | 12:40 AM IST

रिजर्व बैंक का मानना है कि भारत के द्वारा चावल और खाद्य तेलों के निर्यात, गेहूं पर आयात शुल्क में कटौती और सब्सिडी वाले ईंधनों की बिक्री से महंगाई पर नियंत्रण करने में मदद मिल सकती है।


अपनी मौद्रिक नीति पेश करने से पहले रिजर्व बैंक ने सोमवार को मुंबई में अर्थव्यवस्था पर अपनी रिपोर्ट में कहा कि इस तरह के कदमों से मुद्रास्फीति को नियंत्रण किए जाने की संभावना है।


अर्थशास्त्री इस कदम से बंटे हुए नजर आते हैं कि सरकार के साथ मिलकर रिजर्व बैंक ने जो ऋण लेने वाले को अधिक कर्ज न देने की पहल कर रही है उससे मुद्रास्फीति को नियंत्रित किया जा सकेगा। दूसरी तरफ इनका मानना है कि कर्ज की दरों में वृद्धि से आर्थिक विकास की दर प्रभावित होगी जो कि ऐसे भी इस साल 2005 के बाद सबसे कम है।


अर्थशास्त्री इस बात से भी इत्तेफाक नही रखते कि ब्याज दरों को नियत रखा जाए। रिजर्व बैंक ने व्यावसायिक ऋण की दर को 50 बेसिस प्वाइंट्स बढ़ाकर 8 प्रतिशत कर दिया था। और उसके पुनर्खरीद की दर को 7.75 प्रतिशत पर ही नियत रखा गया। हालांकि ज्यादातर अर्थशास्त्रियों ने इसके 8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था।

First Published : April 28, 2008 | 11:48 PM IST