थोड़े इंतजार के बाद कोयले में वायदा कारोबार

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 05, 2022 | 9:11 PM IST

अब कोयले का भी वायदा कारोबार होगा। नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज लिमिटेड (एनसीडीईएक्स) कोयले के वायदा कारोबार को शुरू करने पर विचार कर रहा है।


एनसीडीईएक्स इस साल की दूसरी छमाही में इसके वायदा कारोबार को शुरू कर सकता है। अगर इस काम को अंजाम दे दिया जाता है तो इस प्रकार का यह पहला वायदा कारोबार होगा।


गुरुवार को मुंबई में सर्टिफाइड इमीशन रिडक्शन (सीईआर) की शुरुआती मौके पर एक्सचेंज के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ पीएच रविकुमार ने बताया कि वायदा कारोबार के लिए अब उनकी नजर कोयले पर है। और इसके कारोबार की संभावना और इससे जुड़ी अन्य बातों पर विचार किया जा रहा है।


रविकुमार के मुताबिक भारत में हजारों किस्म के कोयले हैं। और कारोबार के लिहाज के उनकी गुणवत्ता को पहचानना भी काफी मुश्किल काम है। लेकिन एक्सचेंज कोयले की गुणवत्ता को पहचानने का काम कर रहा है और उम्मीद है कि सिर्फ उम्दा किस्म के कोयले का ही वायदा कारोबार किया जाएगा। कोकिंग कोल का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि वे उस उत्पाद को भी शुरू करने की योजना बना रहे हैं जिसका वर्तमान में आयात किया जाता है।


गौरतलब है कि कोकिंग कोल स्टील उत्पादन के लिए सबसे महत्वपूर्ण कच्चा माल है। और कच्चे माल की कुल लागत में इसकी हिस्सेदारी 50 फीसदी की होती है। अगर एक्सचेंज कोकिंग कोल को मुहैया कराने में सफल हो जाता है तो निश्चित रूप से इससे देश के सैकड़ों स्टील उत्पादकों को लाभ मिलेगा। और उत्पादकों को कोकिंग कोल के आयात के मामले में बाहर के देशों से मोलभाव करने में भी सुविधा होगी।


सूत्रों के मुताबिक कोकिंग कोल की मात्रा काफी कम होती है, लेकिन उसकी कीमत काफी अधिक होती है। दूसरी तरफ साधारण कोयले की मात्रा काफी अधिक होती है तो उनकी कीमत काफी कम होती है। ऐसे में एक्सचेंज एक सीमा रेखा तय करेगा। बाजार सूत्रों के मुताबिक भारत में 400 मिलियन टन कोयले का उत्पादन होता है।

First Published : April 10, 2008 | 11:50 PM IST