तूफान ने बनाया आम का अचार

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 1:01 AM IST

पिछले कई दिनों से उत्तर प्रदेश में चल रहे आंधी और तूफान से भले ही लोगों को भयानक गर्मी से राहत मिली हो पर राज्य के आम उत्पादकों को मौसम की इस बेरुखी से तगड़ा नुकसान हुआ है।


राज्य बागबानी विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, तेज आंधी और तूफान से इसके उत्पादकों को तकरीबन 50 करोड़ रुपये का जबरदस्त नुकसान हुआ है। अधिकारी ने बताया कि इस साल राज्य में आम की बंपर पैदावार का अनुमान था पर पिछले दिनों आए इस अंधड़ से आम की लगभग 25 फीसदी पैदावार बर्बाद हो गयी।

आम की फसल को इस सीजन में पहली बार 14 मई को आंधी और तूफान का सामना करना पड़ा जबकि इसके बाद 16, 17 और 18 मई को भी इसने आम की फसल को अपनी चपेट में ले लिया। अनुमान लगाया जा रहा है कि इसकी वजह से 50 हजार टन से भी अधिक आम के फल बर्बाद हो गए। हालत यह हो गई कि आम उत्पादकों को इन टूटे आमों को महज 1 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बाजार में बेच देना पड़ा।

रहीमाबाद के आम उत्पादक मोहम्मद रियाज ने बताया कि इस साल हमें उम्मीद थी कि आम से अच्छी खासी कमाई होगी पर इस अंधड़ ने आम की फसल को इतना तगड़ा नुकसान पहुंचाया कि इन कच्चे आमों को केवल 1 रुपये प्रति किलो में बेचना पड़ा। उनके अनुसार, चूंकि ये टूटे आम कच्चे होते हैं लिहाजा इन्हें  अचार बनाने में इस्तेमाल किया जाता है।

उसने यह भी बताया कि यदि राज्य में अगले दो से तीन हफ्तों तक कोई आंधी-तूफान नहीं आया तो अभी हुए अधिकांश नुकसान की क्षतिपूर्ति हो जाएगी। मलिहाबाद के दूसरे आम उत्पादक मोहम्मद इरशाद ने बताया कि पिछले एक दशक में यह पहला ऐसा मौका है जब आम की पैदावार को एक रुपये प्रति किलो में बेचना पड़ा है।

इसके मुताबिक, ढ़ुलाई खर्च और टूटे आम को बाजार में ले जाने से होने वाले और अधिक नुकसान से बचाने के तो उसने तो दो टन आम को केवल 40 पैसे प्रति किलो के हिसाब से ही बेच दिया। जाहिर है आम की फसल से किसानों को होने वाले नुकसान का यह दर्दनाक उदाहरण है। बागबानी विभाग के मुताबिक, राज्य में हरेक साल औसतन 2700 करोड़ रुपये का आम उपजाया जाता है।

इस आंधी और तूफान के चलते लखनऊ के अलावे सहारनपुर, उन्नाव, प्रतापगढ़, बुलंदशहर, मेरठ और बाराबंकी में आम की फसल को जबरदस्त नुकसान पहुंचा है। यही नहीं इस नुकसान से आम  के निर्यात पर भी बड़ा नकारात्मक असर पड़ा है। अखिल भारतीय आम उत्पादक संघ के इंशराम अली के मुताबिक, इस नुकसान के चलते सिंगापुर, जापान और खाड़ी के देशों को होने वाले निर्यात पर काफी बुरा असर पड़ा है।

First Published : May 22, 2008 | 12:58 AM IST