पाम ऑयल पर कच्चे तेल की तेजी का असर

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 8:41 AM IST

कच्चे तेल की कीमत प्रति बैरल 141 डॉलर पार करने के बाद मलयेशिया में पाम ऑयल की कीमतों में परिवर्तन देखा गया।


पाम ऑयल की कीमत महीने में दूसरी बार बढ़ने के कगार पर है। इस महीने 27 जून को न्यू यॉर्क में कच्चे तेल की कीमत 142.99 डॉलर प्रति डॉलर के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई और इसमें 11 प्रतिशत का इजाफा देखा गया जबकि पाम ऑयल की कीमतों में इस महीने 3.6 प्रतिशत की वृध्दि हुई।

चीन खाद्य तेलों का सबसे बड़ा उपभोक्ता है। वहां इसका इस्तेमाल खाना पकाने के अतिरिक्त बायोफ्यूल बनाने में किया जाता है। त्रिमेगा रिसर्च के बगान विश्लेषक हरियान्तो विजया ने आज जकार्ता में कहा कि चीन में पाम ऑयल उत्पादों की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। मलयेशिया डेरिवेटिव एक्सचेंज पर सितंबर डेलिवरी वाले पाम ऑयल की कीमत दो रिंगिट बढ़ कर 3,625 रिंगिट (1,110 डॉलर) प्रति मिट्रिक टन हो गई।

पहले इसमें 0.8 रिंगिट तक की गिरावट आई थी और इसका कारोबार 3,594 रिंगिट प्रति मिट्रिक टन पर किया जा रहा था। कच्चे तेल की कीमतों में हुई बढ़ोतरी के बाद सोयाबीन और पाम ऑयल की कीमतें भी चढ़ीं। न्यू यॉर्क में अगस्त डेलिवरी वाले कच्चे तेल का कारोबार 141.69 डॉलर पर किया जा रहा था। सोयाबीन के तेल की कीमतों में तीसरी बार मासिक बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। मई महीने में इसकी कीमतों में 5 प्रतिशत और अप्रैल महीने में 13 प्रतिशत की वृध्दि हुई थी।

दिसंबर डेलिवरी वाले सौदे का कारोबार सिंगापुर में 67.56 सेंट प्रति पौंड के अनुसार किया जा रहा था। पिछले 12 महीनों में सोयाबीन के तेल की कीमतों में 80 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है जो इस अवधि में पाम ऑयल की कीमत में हुई 41 प्रतिशत की वृध्दि से अधिक है। 26 जून को सोयाबीन तेल के मुकाबले पाम ऑयल 26.9 प्रतिशत सस्ता था। ब्लूमबर्ग के आंकड़ो के अनुसार15 नवंबर 2006 के बाद यह सबसे अधिक डिस्काउंट है।

First Published : June 30, 2008 | 10:40 PM IST