दिल्ली में हड़ताल का असर दिखना बाकी है…

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 9:02 AM IST

ट्रांसपोर्टरों की देशव्यापी बेमियादी हड़ताल का गुरुवार को दिल्ली के कारोबारी माहौल पर मिलाजुला असर दिखा है। अब तक हड़ताल का सबसे ज्यादा असर भारी वाहनों से होने वाली माल ढुलाई पर देखा गया है।


छोटी गाड़ियों से होने वाली माल ढुलाई पर इसका थोड़ा असर ही दिखा है। एपीएमसी के मुताबिक, दो दिन पहले की तुलना में मंडी में सामानों की आवक में केवल 16 फीसदी की कमी हुई है। कारोबारियों का मानें तो कारोबार और कीमतों पर हड़ताल का साफ असर तभी दिखेगा जब यह कई दिनों तक खिंचे और साथ ही ट्रांसपोर्टरों की एकता भी बनी रहे।

एशिया की सबसे बड़ी फल और सब्जी मंडी आजादपुर में बड़े वाहन तो अन्य दिनों की अपेक्षा कम दिख रहे हैं पर छोटे वाहन पहले की ही तरह सामानों की ढुलाई कर रहे हैं। ऐसा क्यों है और क्या छोटे वाहन इस हड़ताल में शामिल नहीं है, जैसे सवालों के जवाब में दिल्ली टेम्पो ट्रांसपोर्ट यूनियन के उपाध्यक्ष कुलदीप ने माना कि उनका यूनियन भी इस  हड़ताल में शामिल है। पर उनका कहना था कि हम उन्हीं सामानों की ढुलाई कर रहे हैं जिनकी पहले बुकिंग हो चुकी है।

दूसरी ओर, सुंदर सिंह और मिक्की जैसे कई आढ़ती टेम्पो यूनियन के इस दावे को गलत बताते हैं। इनका कहना है कि फलों, सब्जियों और दूसरे सामानों की बुकिंग अभी भी धड़ल्ले से हो रही है। ये आढ़ती बताते हैं कि यदि दूसरे दिन भी इस हड़ताल का मंडी पर कोई असर नहीं दिख रहा है तो इसकी वजह ट्रांसपोर्टरों के बीच एकता का अभाव है। हड़ताल की ऐसी सूरत-ए-हाल के बारे में पूछने पर ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के बहादुर सिंह ने इस संवाददाता को बताया कि भले ही छोटे ट्रांसपोर्टर अभी भी ढुलाई कर रहे हों पर उन्हें पूरी उम्मीद है कि एक-दो दिन में छोटे ट्रांसपोर्टर भी पूरी तरह से हड़ताल में शामिल हो जाएंगे।

उनका कहना था कि जिन ट्रांसपोर्टरों की बुकिंग पहले से हो चुकी है वे इसका निपटान करने के बाद हड़ताल में शामिल हो जाएंगे। उधर प्याज ट्रेडर्स एसोसियशन के अध्यक्ष राजेंद्र शर्मा बताते हैं कि दिन में तो ज्यादातर छोटी गाड़ियां ही माल ढुलाई कर रही हैं पर रात में तो बड़ी गाड़ियां भी मंडी में खूब आ-जा रही हैं। शर्मा के मुताबिक, इससे आलू, प्याज, फल और सब्जियों की कीमतें या तो पहले के स्तर पर ही टिकी हैं या पहले से घट रही हैं। इसकी वजह मंडी में मौजूद पहले का पर्याप्त स्टॉक है। जबकि हड़ताल के चलते इन सामानों का उठाव प्रभावित हुआ है।

फलों के आढ़ती सूरजबली ने भी कहा कि आम की कीमतें कल की तुलना में कम हुई हैं क्योंकि जमा माल का निपटान करना जरूरी था। उनके मुताबिक, कल से सामानों की आवक में बाधा पड़ना शुरू ही हुआ है, लिहाजा एक-दो दिन में ऐसे सभी उत्पादों की कीमतें चढ़ सकती हैं जिनका स्टॉक अब खत्म होने पर है। एपीएमसी के मुताबिक, हड़ताल शुरू होने के एक दिन पहले यानी 1 जुलाई की तुलना में गुरुवार को मंडी में माल की कुल आवक में केवल 16 फीसदी की कमी आयी है।

उनके मुताबिक, 1 जुलाई को मंडी में 12,425 टन सामान की आवक दर्ज हुई थी पर गुरुवार को मंडी में केवल 10,494 टन माल ही आ पाया। जानकारों के मुताबिक, मंडी में सामानों की आवक और उठाव में प्रतिदिन उतार-चढ़ाव आता रहता है पर ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल के बावजूद केवल 16 फीसदी की कमी को खासा असरदार नहीं माना जा सकता। बकौल बंसल, दिल्ली की सबसे बड़ी मंडी में गुरुवार को बड़ी लोडेड गाड़ियों की आवक में 17 फीसदी और छोटी गाड़ियों की आवक में 12 फीसदी की कमी हुई है और यह संख्या क्रमश: 452 और 895 रही है। मंडी से माल की निकासी में खासी कमी आयी है।

पहले की तुलना में गुरुवार को लोडेड बड़ी गाड़ियों की निकासी आधी रह गयी है। हालांकि, छोटी गाड़ियां इस समय कारोबारियों को ज्यादा मुफीद दिख रहा है और गुरुवार को इनकी निकासी मंगलवार की तुलना में लगभग 70 फीसदी रही है।

First Published : July 3, 2008 | 10:25 PM IST