पिछले तीन साल के दौरान माल ढुलाई की दर 300 प्रतिशत बढ़ाने के लिए रेलवे की आलोचना करते हुए खनन उद्योग ने दीर्घकालिक माल ढुलाई नीति बनाने की मांग की।
ताकि उसकी लागत कम हो सके और अर्थव्यवस्था के मुद्रास्फीतिकारी रुझानों को नियंत्रित करने में खनन कंपनियां योगदान कर सकें। फेडरेशन आफ इंडिया मिनरल्स इंडस्ट्रीज (फिमी) ने रेलवे बोर्ड को भेजे एक पत्र में कहा कि लौह अयस्क उद्योग ऊंची मुद्रास्फीति की दर को नियंत्रित करने के लिए लागत कम करने का प्रयास कर रहा है। उसे रेलवे बोर्ड की ओर से माल ढुलाई की दर कम करने की बाबत सकारात्मक प्रतिक्रिया की उम्मीद है।
फिमी ने कहा कि खनन उद्योग ने रेलवे बोर्ड से घरेलू बिक्री और निर्यात में मदद के लिए माल ढुलाई की दर कम करने का आग्रह किया है। फिमी का यह पत्र इन खबरों के बीच आया है कि लौह अयस्क की कीमत में 46 प्रतिशत की बढ़ोतरी से खनन क्षेत्र मुद्रास्फीति में 38.2 प्रतिशत का योगदान कर रहा है। मुद्रास्फीति की दर सात प्रतिशत के स्तर तक पहुंच गई है।