अब बिस्कुट भी महंगा होने जा रहा है। बिस्कुट निर्माताओं ने एक जुलाई से बिस्कुट की कीमत में 7-8 फीसदी तक की बढ़ोतरी का फैसला किया है।
बिस्कुट निर्माताओं ने लागत में हुई बेतहाशा बढ़ोतरी को देखते हुए यह फैसला किया है। पिछले दो सालों के दौरान उत्पादन लागत में 33-35 फीसदी का इजाफा हुआ है।
एक प्रमुख बिस्कुट उत्पादक ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि पेट्रोलियम पदार्थों की कीमत में बढ़ोतरी के बाद से ही बिस्कुट उत्पादकों की लगातार बैठक हो रही थी। कई दौर की बैठक के बाद आखिरकार उत्पादकों ने बिस्कुट की कीमत में बढ़ोतरी का फैसला किया है। यह फैसला उत्तरी भारत के बिस्कुट उत्पादकों ने किया है। एक जुलाई से दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, जम्मू-कश्मरी व हिमाचल प्रदेश में बढ़े हुए दाम पर बिस्कुट की बिक्री होगी।
कीमत बढ़ोतरी के फैसले में प्रिया, अनमोल व अप्सरा जैसे ब्रांड भी शामिल हैं। पेट्रोलियम पदार्थों की कीमत बढ़ने से फर्निश ऑयल की कीमत बढ़ गयी। साथ ही किराए में भी बढ़ोतरी हो गयी। इसके अलावा बिस्कुट उत्पादन पर उन्हें 12.5 फीसदी वैट चुकाना पड़ता है जबकि अन्य खाद्य उत्पादों पर 0-4 फीसदी की दर से ही वैट देना पड़ता है। उन्होंने सरकार से कई बार वैट को कम करने की मांग भी की, लेकिन सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया।
उत्पादकों का कहना है कि बिस्कुट के बाजार में काफी कड़ी प्रतिस्पर्धा है इसलिए ब्रिटानिया व पारले जैसे दिग्गज ब्रांड भी इसकी कीमत बढ़ाने से हिचकिचाते है। दो सालों में लागत में जहां 35 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है वहीं कीमत में मात्र 10 फीसदी की। पिछले चार सालों के दौरान उत्पादन में 13-17 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गयी है।