अब पौधे बन जाएंगे कीटनाशक ‘निर्माता’

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 06, 2022 | 11:05 PM IST

आने वाले समय में सब्जी व अनाज के पौधे खुद ही अपना कीटनाशक बनाएंगे। इन पौधों पर किसानों को अलग से कीटनाशक डालने की जरूरत नहीं पड़ेगी।


इन दिनों देश की 34 सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं में इन सब्जियों व अनाजों के बीज को जैविक रूप से संशोधित करने का काम चल रहा है। इधर इन बीजों पर संशोधन के विरोध में गैर सरकारी संगठन लामबंद हो चुके है।


उनकी दलील है कि इस प्रकार के बीजों को विकसित करने से इंसान के शरीर के साथ पर्यावरण को भी काफी नुकसान पहुंचेगा। जानकारी के मुताबिक जिन सब्जियों व अनाजों के बीजों को कीटनाशक पैदा करने लायक बनाया जा रहा है उनमें फूलगोभी, पत्तागोभी, आलू, टमाटर, बैगन, चावल, ज्वार, काबुली चना, मूंगफली, मक्का, सरसों, भिंडी, शलजम व अरहर दाल शामिल है।


देश की विभिन्न कृषि संस्थाओं के वैज्ञानिक इनके बीज को विकसित करने में जुटे हैं। इन सब्जियों व अनाजों के पौधों में बैक्टीरिया के जीन डाले जा रहे हैं। इस जीन की मदद से उन पौधों में खुद-ब-खुद ऐसे कीटनाशक पैदा होंगे जो उन पौधों में लगने वाले कीटाणुओं को मार देंगे। इस प्रकार के बीज विकसित होने से बाद किसानों को इन पौधों के लिए कीटनाशक का इस्तेमाल नहीं करना होगा।


गैर सरकारी संगठन की दलील है कि भारत में इन बीजों को विकसित करने से पहले जैविक रूप से परीक्षण नहीं किया गया है। कोलिशन फॉर जीएम (जेनेटिक्ली मोडिफाइड) फ्री इंडिया के प्रवक्ता भास्कर गोस्वामी कहते हैं कि जो बीज पौधों के अंदर कीटनाशक पैदा कर सकता है, उससे उत्पन्न चीजों को खाने से इंसान के शरीर में भी कीटनाशक पैदा हो सकता है।


वे कहते हैं कि इन बीजों के परीक्षण चूहों पर किए गये हैं। परीक्षण में पाया गया कि उनमें से कई चूहों की किडनी विकसित नहीं हो पायी तो कई विकलांग पैदा हो गए। गैर सरकारी संगठनों के मुताबिक वर्ष 2006 की खरीफ फसल व वर्ष 2006-07 की रबी फसल के दौरान सब्जी व अनाज से जुड़े 13 पौधों के संशोधित बीजों के ट्रायल भी हो चुके हैं। इस प्रकार के बीज काफी महंगे भी होंगे।


12 साल पहले इस प्रकार के बीजों को विकसित कर लिया गया था लेकिन अब तक विश्व भर की कुल खेती की मात्र 1.5 फीसदी पर ही जेनेटिक्ली मोडिफाइड बीजों के जरिए खेती होती है। दुनिया के सिर्फ 22 देशों ने जीएम बीज से खेती करने की इजाजत दी है।

First Published : May 13, 2008 | 11:41 PM IST