सीमेंट के बढ़ते दाम पर अंकुश लगाने के लिए सरकार अब सीमेंट के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने जा रही है।
इस संबंध में सरकार ने फैसला कर लिया है और बहुत जल्द इसकी घोषणा भी कर दी जाएगी। गत माह में सीमेंट की कीमत में 50 किलोग्राम की प्रति बोरी पर 5 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। इसके अलावा सरकार ने स्टील निर्यात पर दी जाने वाली अतिरिक्त सुविधा वापस ले ली है ताकि महंगाई पर लगाम लगाई जा सके।
केंद्रीय वाणिज्य व उद्योग मंत्री कमलनाथ के मुताबिक सीमेंट की घरेलू आपूर्ति को मजबूत करने के लिए निर्यात पर प्रतिबंध का फैसला किया गया है और तुरंत इसे लागू भी कर दिया जाएगा। विदेशी व्यापार नीति की सालाना घोषणा के लिए आयोजित संवाददाता सम्मेलन के दौरान कमलनाथ ने यह जानकारी दी। बीते अप्रैल से लेकर फरवरी माह के दौरान सीमेंट का निर्यात 3.33 मिलियन टन किया गया है।
घरेलू बाजार में सीमेंट की कीमत में मजबूती के कारण यह निर्यात वर्ष 2006-07 की समान अवधि के मुकाबले 38.78 फीसदी कम है। गत अप्रैल से फरवरी महीने के दौरान सीमेंट का निर्यात कुल सीमेंट उत्पादन का मात्र 2.20 फीसदी रहा। सीमेंट निर्यात करने वाली कंपनियों में गुजरात अंबुजा व आदित्य बिरला समूह मुख्य हैं। बाम्बे स्टॉक एक्सचेंज में इन कंपनियों के शेयर मूल्यों में गिरावट दर्ज की गई है।
गुजरात अंबुजा के शेयर मूल्य गुरुवार के मुकाबले 3.61 फीसदी की गिरावट के साथ 117.60 रुपये पर बंद हुए तो अल्ट्राटेक सीमेंट के शेयर मूल्य में 1.83 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। इसके शेयर मूल्य 790.10 पर बंद हुए। उद्योग सूत्रों का कहना है कि सीमेंट का निर्यात मुख्य रूप से देश के पश्चिमी भाग से किया जाता है लिहाजा यह पूरे देश को प्रभावित नहीं करता है।
सूत्रों के मुताबिक देश के पश्चिमी भाग में सालाना 300 लाख टन सीमेंट की खपत होती है। नाम न छापने की शर्त पर मुंबई के एक सीमेंट विशेषज्ञ ने बताया कि निर्यात पर प्रतिबंध लगाने से कंपनियों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि घरेलू बाजार में सीमेंट की कीमत में मजबूती का रुख है।