तेल पर हुआ अब बेमिसाल मेल

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 05, 2022 | 9:12 PM IST

खाद्य तेलों का दाम कम होने के बावजूद लोगों तक इसका फायदा न पहुंचने के कारण थोक व्यापारियों ने अब खुद इसे उपभोक्ताओं तक पहुंचाने की एक बेमिसाल मुहिम की शुरुआत कर दी है।


हाल ही में थोक व्यापारियों के एक सर्वे में यह खुलासा होने के बाद कि खाद्य तेलों पर आयात शुल्क में कटौती के से थोक बाजार में इसकी कीमत में 7 से 31 फीसदी तक की कमी आने के बावजूद खुदरा व्यापारी अब भी बढ़ी हुई कीमत पर ही तेल बेच रहे हैं।


लिहाजा तेल के थोक कारोबारी शुक्रवार से आम उपभोक्ताओं को तेल बेचने के लिए दिल्ली की सड़कों पर उतर रहे हैं। कारोबारियों का साथ देने के लिए दिल्ली सरकार ने भी कमर कस ली है। खाद्य मंत्री ने चेतावनी दी है कि जमाखोरी करने वाले किसी भी व्यापारी को बख्शा नहीं जाएगा।


शुक्रवार से थोक व्यापारी आम उपभोक्ताओं को सरसों का तेल 60 रुपये प्रति लीटर की दर से बेचेंगे। सोया रिफाइंड की कीमत आम लोगों के लिए 60 रुपये लीटर तय की गई है तो रिफाइंड वेजीटेबल ऑयल व वनस्पति घी की कीमत समान होगी। इनके भाव 55 रुपये प्रति लीटर होंगे। दिल्ली वेजीटेबल ऑयल ट्रेडर्स एसोसिएशन (डिवोटा) ने आम उपभोक्ताओं को तेल बेचने के लिए पूरी दिल्ली में 25 केंद्र बनाए हैं।


साथ ही मोबाइल वैनों पर भी तेलों की बिक्री की जाएगी। एक उपभोक्ता को पांच किलो से अधिक तेल नहीं दिया जाएगा। अनुमान के मुताबिक दिल्ली में सालाना 2 लाख टन खाद्य तेलों की खपत होती है।


गुरुवार को डिवोटा ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि खुदरा व्यापारी अब भी खाद्य तेलों की बिक्री गत 5 मार्च के आस-पास की दरों पर ही कर रहे हैं। जबकि थोक बाजार में 5 मार्च के मुकाबले तेलों की कीमत में 5 से 20 रुपये प्रति किलो की गिरावट दर्ज की गई है।


थोक बाजार में सरसों तेल की कीमत 57 रुपये प्रति किलो के स्तर पर है लेकिन खुदरा बाजार में इसकी कीमत 70-73 रुपये प्रति किलो बताई जा रही है। रिफाइंड वेजीटेबल ऑयल की कीमत थोक बाजार में जहां 57 रुपये प्रति किलो है वही खुदरा बाजार में इसकी कीमत 70 रुपये के आस-पास बतायी जा रही है।


डिवोटा के अध्यक्ष लक्ष्मी चंद अग्रवाल ने बताया कि कम कीमत पर उपभोक्ताओं के बीच जाकर बिक्री करने से उन्हें कोई घाटा नहीं होगा। कारोबारियों ने बताया कि यह बात ठीक है कि मार्च महीने के पहले व दूसरे सप्ताह के दौरान उन्होंने बढ़ी हुई कीमत पर तेल की खरीदारी की। लेकिन आयात शुल्क में कटौती के बाद वे घटी हुई कीमत पर खरीद कर रहे हैं।


आम उपभोक्ताओं के बीच जाकर तेल बेचने से वे अधिक मात्रा में तेल बेचेंगे। ऐसे में उनके घाटे की पूर्ति हो जाएगी। संवाददाता सम्मेलन के दौरान मौजूद दिल्ली सरकार के खाद्य मंत्री हारून युसूफ ने कहा कि महंगाई पर काबू पाने के लिए सरकार इन कारोबारियों के साथ है।


जमाखोरी पर गुजरात में अंकुश


गुजरात सरकार ने खाद्य तेलों और चावल के भंडारण की सीमा तय करने पर विचाार कर रही है, जिसके लिए आवश्यक निर्देश दो दिनों के अंदर जारी किया जा सकता है। राज्य सरकार ने गेहूं और दालों के भंडारण की सीमा भी तय की थी।

First Published : April 11, 2008 | 12:45 AM IST