मलयेशिया में पाम ऑयल में नरमी

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 05, 2022 | 10:04 PM IST

कीमतों के तेजी से बढ़ने की वजह से मांग में कमी की आशंकाओं के चलते मलयेशिया में पाम ऑयल के वायदा कारोबार में तीसरे दिन भी गिरावट आई।


सोयाबीन तेल की जगह मुख्य रूप से काम में आने वाला पाम ऑयल की कीमतों मे पिछले साल की तुलना में 62 फीसदी का इजाफा हुआ है। इसकी वजह से 4 मार्च को इसकी कीमतें रेकॉर्ड 1425 डॉलर प्रति मीट्रिक टन के स्तर पर पहुंच गई थीं।


जैसे-जैसे कच्चे तेल की कीमतों में उछाल आता गया वैसे-वैसे वैजिटेबल ऑयल से जैव ईंधन बनाने की मांग भी बढ़ती गई जिसकी वजह से इनकी कीमतें भी आसमान छूने लगीं। दूसरी ओर कमजोर होते डॉलर ने भी जिंसों की मांग में बढोतरी की है।


जकार्ता में पीटी मांडिरी सेक्युरिटीज के एक विश्लेषक लिलियाना बैमबैंग ने बताया कि कीमतों में तेजी से ही इसकी मांग कम हुई है। पाम ऑयल के वायदा कारोबार में 0.5 फीसदी की कमी आई है और इसकी कीमतें 17 रिंगिट कम हुई हैं। मलयेशिया डेरिवेटिव्स एक्सचेंज में एक समय इसकी कीमत रेकॉर्ड 3,659 रिंगिट प्रति टन तक पहुंच गई थीं बाद में कीमतों ने 20 फीसदी का गोता लगाया और 3,615 रिंगिट प्रति टन के स्तर पर पहुंच गई।


एक अनुमान के मुताबिक पिछले साल की तुलना में अप्रैल के पहले 15 दिनों में मलयेशिया के पाम ऑयल निर्यात में 6.6 फीसदी की कमी आई है। जबकि एक अन्य रिपोर्ट का कहना है कि इस दौरान पाम ऑयल का निर्यात 13 फीसदी कम हुआ है। कारोबारियों की नजर इंडोनेशिया की स्थिति पर भी बनी हुई है।


गौरतलब है कि इंडोनेशिया दुनिया में पाम ऑयल का सबसे बड़ा उत्पादक है। वहां पर अगले हफ्ते से पाम ऑयल से लदे जहाजों की जांच की जाएगी और सुनिश्चित किया जाएगा कि पाम ऑयल देश से बाहर अवैध तरीके से तो नहीं भेजा जा रहा है। सरकार भी इसके लिए प्रयासरत है।


सरकार के व्यापार मंत्रालय की वेबसाइट पर जानकारी दी गई है कि सरकार ने 11 अप्रैल को एक कानून बनाया है जिसके तहत पत्तनों पर पाम ऑयल से लदे जहाजों को सरकारी जांच की कसौटी पर खरा उतरना होगा। कानून लागू होने के 14 दिन बाद सरकारी विभाग इस दिशा में काम करना शुरू कर देगा।


वैसे यह बात मानी भी जा रही है कि इंडोनेशिया सरकार के कदम से अवैध कारोबार और निर्यात शुल्क पर कुछ रोक जरूर लगेगी। जिससे वैश्विक स्तर पर पाम ऑयल की कीमतों पर प्रभाव पड़ेगा। इंडोनेशिया सरकार ने पिछले महीने ही निर्यात कर से बच निकलने वाली कंपनियों से निपटने के लिए पाम ऑयल शिपमेंट की जांच करने की बात कही थी।

First Published : April 19, 2008 | 12:01 AM IST