सरकारी खरीद से निजी कंपनियों को गेहूं भंडारण में आई मुश्किलें

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 06, 2022 | 10:01 PM IST

केंद्र सरकार की  एजेंसियों द्वारा रेकॉर्ड गेहूं खरीद ने  निजी खुदरा और वेयरहाउसिंग कंपनियों के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं।


पिछले दो साल से सरकार द्वारा कम गेहूं खरीद के चलते इन कंपनियों ने भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) से तकरीबन 5,00,000 टन गेहूं भंडार के लिए करार किया है। अब जबकि एफसीआई ने खुद ही रेकॉर्ड 1.8 करोड़ टन गेहूं की खरीद की है, ऐसे में उसकी पहली प्राथमिकता अपने गेहूं का भंडारण करने की होगी।


अब इन कंपनियों की मुश्किल यह है कि इनको अब भंडारण के लिए दूसरी जगह का इंतजाम करना होगा।इन कंपनियों ने एफसीआई गोदामों की बड़ी क्षमता और प्रमुख जगहों पर होने की वजह से इनको किराये पर लिया था। रिलायंस रिटेल ने अपनी रिटेल श्रंखला के लिए लखनऊ के पास बाराबंकी में 14,000 टन क्षमता वाले एफसीआई गोदाम को किराये पर लिया था। कुछ और राज्य निगमों ने भी एफसीआई के गोदामों को किराये पर लिया था।


हालांकि गेहूं के कारोबार से जुड़ी कंपनियां नहीं मानती कि भंडारण को लेकर कोई दिक्कत आने वाली है। इनमें से अधिकतर ने सरकार के बड़े पैमाने पर गेहूं खरीद की तारीफ भी की है और बड़े स्तर पर गेहूं खरीद नहीं की है।


एफसीआई के पास 2.4 करोड़ टन भंडारण की क्षमता जिसमें से निगम 10 करोड़ रुपये किराये से कमाता है। वहीं दूसरी ओर राज्यों के पास 4 करोड़ टन भंडारण की क्षमता है। केंद्रीय पूल में 1 मई को खाद्यान्नों (गेहूं और चावल) का स्टॉक 3.45 करोड़ टन था जो पिछले साल इसी दौरान के भंडार से 50  लाख टन ज्यादा है।


केंद्रीय पूल के स्टॉक में बढ़ोतरी की वजह से एफसीआई अपनी भंडारण क्षमता का बेहतर तरीके से उपयोग कर सकता है। फिलहाल निगम की क्षमता उपयोग 62.5 फीसदी तक पहुंच गई है, इस वर्ष इसके 75 फीसदी तक पहुंचने की संभावना है।


गेहूं और चावल की बड़े पैमाने पर खरीद ने निगम की हरियाणा और पंजाब से गेहूं की आवाजाही को 50 फीसदी तक बढ़ा दिया है। इन दोनों राज्यों से ही सरकार ने तकरीबन 75 फीसदी गेहूं की खरीद की है। निगम के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक आलोक सिन्हा कहते हैं कि खन्ना, संगरूर, फिरोजपुर जैसी मंडियों से गेहूं की आवक बहुत तेज हो गई है।


उनका कहना है हम इन राज्यों  से पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, कर्नाटक और केरल जैसे राज्यों में खाद्यान्न पहुंचा रहे हैं। सामान्य तौर पर हम पंजाब और हरियाणा से 8,00,000 से 9,00,000 टन गेहूं महीने भर में मंगाते हैं लेकिन फिलहाल हम 14 से 15 लाख टन गेहूं इन राज्यों से मंगा रहे हैं।

First Published : May 7, 2008 | 11:16 PM IST