हाल-ए-कमोडिटी बाजार

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 12:40 PM IST

चीनी होगी मजबूत


उत्पादक क्षेत्रों में अनुमान से कम बारिश होने से चीनी के उत्पादन में कमी होने के आसार हैं। आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल चीनी का उत्पादन 2.8 करोड़ टन रहा था पर मौजूदा सीजन में अधिकतम 2.3 करोड़ टन चीनी तैयार होने का अनुमान है।

पिछले हफ्ते नैशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज में ठीक अगले महीने के वायदा अनुबंध का हाल ये रहा है कि इसमें 94 रुपये प्रति क्विंटल तक की मजबूती आयी। कोटक कमोडिटीज के अमोल तिलक ने बताया कि महाराष्ट्र का चीनी उत्पादन पहले के अनुमान से भी कम रह सकता है। इस साल देश भर में चीनी का कुल उत्पादन पिछले साल की तुलना में लगभग 25 फीसदी कम रहने की उम्मीद है।

उधर मिल रही जानकारी के मुताबिक, चीनी मिलों के द्वारा केवल कोटा प्रणाली से ही चीनी बेची जा रही है। इससे बाजार में चीनी की आपूर्ति में कृत्रिम कमी पैदा हो गयी है। एनसीडीईएक्स में पिछले हफ्ते चीनी के वायदा अनुबंध में मजबूती देखी गई। गुरुवार को 30 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आने से पहले चीनी के वायदा भाव में लगातार तीन दिनों तक मजबूती दर्ज की गई।

पहले जहां चीनी का वायदा भाव 1,553 रुपये प्रति क्विंटल रहा था, वहीं इस हफ्ते बंद होते-होते चीनी 1,647 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया। मौजूदा हफ्ते के लिए चीनी का रेजिस्टेंस लेवल 1,665 रुपये प्रति क्विंटल माना जा रहा है। पर यदि चीनी ने इस स्तर को छू लिया तो इसके 1,685 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंचने के आसार हैं। वहीं, चीनी का समर्थन स्तर 1,630 रुपये माना जा रहा है।

मक्का में तेजी की संभावना

मक्के के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिए जाने के बाद इसकी कीमत में कमी हुई है। पर ऐसा लगता है कि इस कमी के बाद कीमतों में अब और गिरावट नहीं होगी। पिछले हफ्ते शनिवार को मक्के की कीमत में फिर से मजबूती हुई और एनसीडीईएक्स में इसके भाव ने 1,000 रुपये प्रति क्विंटल की सीमा को तोड़ दिया। बाजार बंद होते-होते एक क्विंटल मक्के का भाव 1,038 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया।

कमोडिटी विश्लेषकों का मानना है कि बाजार में मक्के की कीमत में भले ही जोरदार तेजी न आए पर इसमें मजबूती तो आएगी ही। ऐसा इसलिए कि खरीफ मौसम में पैदा होने वाले मक्के के मुख्य उत्पादन क्षेत्रों कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में आवश्यकता से कम बारिश हुई है। यही नहीं अनुमान है कि मक्के का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाकर 840 रुपये कर दिया जाएगा। कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) ने इस संबंध में अपनी सिफारिश पहले ही सरकार को भेज दी है।

नाम न बताने की शर्त पर एक कारोबारी ने बताया कि यदि न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि होती है तो विभिन्न करों सहित मक्के का आधार मूल्य 900 से 920 रुपये के बीच आ सकता है। कारोबारी सूत्रों ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में मक्के की कीमत में मजबूती आने की उम्मीद है। हालांकि, 15 अक्बूबर तक इसके आयात और निर्यात पर रोक लगा देने से फिलहाल मक्के का अंतरराष्ट्रीय जुड़ाव खत्म सा हो गया है। पिछले हफ्ते एनसीडीईएक्स में ठीक अगले महीने का वायदा सौदा मजबूती के साथ खुला।

First Published : July 21, 2008 | 1:29 AM IST