स्टील कंपनियों के कदम से मिली राहत

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 3:45 PM IST

तीन महीने की मियाद पूरी होने के बाद भी बड़ी स्टील कंपनियों ने कीमतें न बढ़ाने का जो फैसला किया है, उसका स्वागत किया जा रहा है।


दरअसल महंगाई दर 12 फीसदी के ऊंचे स्तर पर पहुंच चुकी है और महंगाई को मापने वाले थोक मूल्य सूचकांक में स्टील का भार 3.63 फीसदी है।

ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि यदि स्टील की कीमतों में और इजाफा होता तो हालात और बिगड़ सकते थे और महंगाई को रोकने की सरकारी कवायद को पलीता लग सकता था। रियल एस्टेट, ऑटोमोबाइल, आधारभूत ढांचा, टिकाऊ उपभोक्ता सामान, मशीनरी जैसे कई उद्योग काफी हद स्टील पर निर्भर हैं।

ऐसे में कीमतों में बढ़ोतरी होने से इनका प्रभावित होना लाजिमी ही है।रियल एस्टेट कंपनी पार्श्वनाथ की प्रवक्ता नीतल नारंग ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘कच्चे माल की कीमतो में इजाफे की वजह से हमारी परियोजनाएं लागत बढ़ गई हैं जिसके चलते हमको भी कीमतों में 2 से 12 फीसदी तक इजाफा करना पड़ा।

स्टील कंपनियों ने कीमतों को न  बढ़ाने का जो फैसला किया है, वह इस उद्योग की सेहत के लिहाज से अछा ही है। सलाहकार संस्था अर्नेस्ट एंड यंग में पार्टनर नवीन वोहरा ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि स्टील कंपनियों के इस कदम को सरकारी मदद के तौर पर देख सकते हैं।

वह बताते हैं कि चाहे मन से या मजबूरी से इस कदम से सरकार की महंगाई रोकने की कोशिशों को कुछ सहारा ही मिलेगा। वोहरा के मुताबिक जुलाई में वैश्विक स्तर पर स्टील की कीमतें शिखर पर पहंच गई थीं जो अब उतार पर हैं।

First Published : August 7, 2008 | 11:05 PM IST