खुदरा व्यापार में बड़े घराने की चुनौतियों को देखते हुए कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) ने असंगठित खुदरा व्यापारियों को प्रशिक्षित करने के लिए रिटेल स्कूल खोलने का ऐलान किया है।
नागपुर व दिल्ली से 15-20 दिनों के भीतर इस स्कूल की शुरुआत हो जाएगी। बाद में पूरे देश भर के शहरों में इसकी शाखाएं खोली जाएंगी। भारत में इस प्रकार के पहले स्कूल में खुदरा व्यापारियों को रिटेल से जुड़ी जानकारी व प्रशिक्षण के अलावा आधुनिक कारोबार के तकनीक से वाकिफ कराया जाएगा।
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया व महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने इसे रिटेल क्रांति का नाम देते हुए बताया कि आने वाले समय में सरकार विश्व परिदृश्य को देखते हुए कारोबार से जुड़े कानून में कई बदलाव लाने जा रही है। ऐसे में भविष्य की प्रतिस्पर्धा व चुनौतियों के मद्देनजर यह जरूरी हो जाता है कि देश भर के खुदरा कारोबारियों को प्रशिक्षित किया जाए।
भारत में खुदरा व्यापार से 5 करोड़ लोग जुड़े हैं और उनसे 20 करोड़ लोगों की जिंदगी चलती है। कुल घरेलू उत्पाद में खुदरा व्यापार का 10 फीसदी योगदान है। वर्तमान में खुदरा बाजार 15 लाख करोड़ का है और हर साल 8-10 फीसदी की दर से इस व्यापार में बढ़ोतरी हो रही है।
2010 तक खुदरा व्यापार 20 लाख करोड़ रुपये के हो जाने की उम्मीद है। प्रशिक्षण की फीस के बारे में खंडेलवाल ने बताया कि यह नाममात्र का होगा। आम व्यापारियों की हैसियत को देखते हुए फीस तय की जाएगी। यह कोर्स 21 दिन का होगा। और सप्ताह में दो दिन ही कारोबारियों को क्लास के लिए आना पड़ेगा।