वायदा कारोबार पर रोक लगेगी या कारोबार जारी रहेगा, इस बारे में मंगलवार को अभिजीत सेन कमेटी अपनी रिपोर्ट सौंप देगी।
इस कमेटी की रिपोर्ट पर चर्चा के बाद ही सरकार वायदा कारोबार के भविष्य का फैसला करेगी। अभिजीत सेन कमेटी 27 अप्रैल यानी कि सोमवार को अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपने वाली थी लेकिन सोमवार को यह संभव नहीं हो सका।
इधर मुंबई स्थित एमसीएक्स व एनसीडीईएक्स के कारोबारियों के बीच दिन भर इस बात को लेकर अटकलें जारी रहीं। हालांकि कारोबारी पहले से ही इस बात को लेकर आश्वस्त है कि वायदा कारोबार पर सरकार प्रतिबंध लगाने नहीं जा रही है।
लेकिन सूत्रों का कहना है कि सरकार बढ़ती महंगाई को देखते हुए कुछ कृषि उत्पादों के वायदा कारोबार में सख्ती कर सकती है। सोमवार को अभिजीत सेन कमेटी के सदस्य एवं सांसद शरद जोशी ने बताया कि सेन कमेटी की रिपोर्ट मंगलवार को सरकार के समक्ष रखी जाएगी।
गौरतलब है कि गत शुक्रवार को ही जोशी ने इस बात को साफ कर दिया था कि सेन कमेटी वायदा कारोबार के संबंध में चुप रहना बेहतर समझेगी। रिपोर्ट में न तो इस पर प्रतिबंध की सिफारिश होगी और न ही इसके चालू रखने की। सोमवार को भी जोशी ने फिर से इस बात को दोहराया। पहले इस बात की भी अटकलें लगायी जा रही थी कि जिन वस्तुओं के वायदा कारोबार पर प्रतिबंध लगा है उनपर से प्रतिबंध हटा लिया जाएगा।
लेकिन अब की स्थिति को देखते हुए वायदा कारोबार के जुड़े सटोरिये भी इस बात की उम्मीद नहीं कर रहे हैं। उनका कहना है कि गेहूं. चावल उड़द व टूर पर लगे प्रतिबंध को समाप्त तो किया जाएगा लेकिन फिलहाल सरकार के रुख को देखते हुए ऐसी संभावना नजर नहीं आती। अब इन प्रतिबंधित चीजों के वायदा को शुरू करने के मामले पर कम से कम तीन महीने के बाद ही विचार किया जा सकता है।
सूत्रों का यह भी कहना है कि सरकार महंगाई की बढ़ती दर को देखते हुए वायदा के मामले में कुछ सख्त फैसला कर सकती है। गौरतलब है कि पिछले सप्ताह योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने कहा था कि कीमतों में बढ़ोतरी का वायदा कारोबार से कोई लेना-देना नहीं है।
इस कमेटी में अभिजीत सेन के अलावा शरद जोशी, प्रकाश आप्टे, गोपाल नायक व केवल राम है। जोशी सांसद है तो आप्टे आईआईएम अहमदाबाद के शिक्षक तो नायक आईआईएम बंगलुरु में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर है। वही राम वायदा बाजार आयोग के सदस्य है।