पाम ऑयल में नरमी का रुख

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 11:03 AM IST

कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के चलते पाम ऑयल की कीमतों में भी गिरावट आई है। गौरतलब है कि बायोफ्यूल बनाने के लिए पाम ऑयल का बड़े पैमाने पर उपयोग होता है।


कच्चे तेल में रेकॉर्ड तेजी के चलते जून में पाम ऑयल की कीमतों में तेजी का रुख था। दरअसल कच्चे तेल की कीमतों का पाम ऑयल के साथ-साथ उन सभी तेलों की कीमतों पर असर पड़ता है जो वैकल्पिक ईंधन बनाने के लिए प्रयोग में आते हैं।

सिंगापुर में कच्चे तेल की कीमतें 11 जुलाई को रेकॉर्ड 147.27 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गईं थीं जो घटकर 145.11 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई हैं। मलयेशिया में पाम ऑयल के भंडार में 6.4 फीसदी का इजाफा हुआ है और यह 20.4 लाख टन पर पहुंच गया। एक अनुमान के मुताबिक मलयेशिया में जुलाई के पहले 10 दिनों में पाम ऑयल के निर्यात में 16 फीसदी की कमी आई है।

गौरतलब है कि मलयेशिया दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा पाम ऑयल उत्पादक है। कुआलालंपुर के एक कारोबारी का मानना है कि कच्चे तेल की कीमतों में कमी की वजह से पाम ऑयल का निर्यात प्रभावित हुआ है। मलयेशिया डेरिवेटिव एक्सचेंज में सितंबर अनुबंध के लिए पाम ऑयल की कीमतों में 0.8 फीसदी की कमी आई।

First Published : July 15, 2008 | 12:06 AM IST