निर्यात मांग में बढ़ोतरी के साथ ही 2007-08 सीजन में सोयाबीन की अच्छी फसल के चलते अप्रैल 2008 में सोयामील निर्यात लगभग दोगुना होकर 5.5 लाख टन हो गया।
इससे पहले के वर्ष में यह 2.31 लाख टन था। इंदौर स्थित सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (सोपा) के समन्व्यक राजेश अग्रवाल ने यह जानकारी दी। अग्रवाल ने बताया कि साल 2007-08 में अच्छी फसल और बेहतर निर्यात मांग के चलते पिछले माह इसके निर्यात में काफी बढ़ोतरी हुई है।
उनके मुताबिक, इस माह से लेकर सितंबर तक निर्यात में कमी आएगी क्योंकि सोयाबीन की उपलब्धता कम रहेगी। खरीफ सीजन की सोयाबीन की कटाई का काम सितंबर-अक्तूबर में शुरू होता है। अक्तूबर 2007 से अप्रैल 2008 की अवधि में सोयामील निर्यात 26 प्रतिशत बढकर 37.74 लाख टन हो गया जो पूर्व वर्ष की समान अवधि में 29.94 लाख टन था।
सोपा के वक्तव्य के अनुसार सितंबर में समाप्त होने वाले 2007-08 सीजन में सोयामील निर्यात लगभग 40-45 लाख टन रहने का अनुमान है जबकि साल 2006-07 में 35.25 लाख टन रहा था। सरकार के तीसरे अग्रिम अनुमानों के अनुसार 2007-08 में सोयाबीन का उत्पादन 94.3 लाख टन रहेगा जो पूर्व वर्ष में 88.5 लाख टन था। विभिन्न देशों की निर्यात की बात करें तो थाईलैंड को होने वाले निर्यात में 324 फीसदी की जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है।
पिछले साल जहां केवल 17,685 टन का निर्यात थाईलैंड को किया गया था वहीं इस साल इसे 75,034 टन का निर्यात किया जा चुका है। जापान को होने वाले निर्यात में भी 122 फीसदी की वृद्धि हुई है और यह पिछले साल के 35,000 टन के निर्यात की तुलना में इस साल 77,888 टन का निर्यात हुआ है। वियतनाम को तो सबसे अधिक सोयामील का निर्यात किया गया है।