महंगाई से परेशान सरकार का हाल लगता है, अब सुधरने लगा है। गुरुवार को जहां महंगाई दर में हो रही लगातार तेजी पर ब्रेक लगा, वहीं शुक्रवार को सरकार ने बताया कि पिछले पखवाड़े में इस्पात की कीमतों में 6 फीसदी तक की गिरावट आयी है।
जानकारों के मुताबिक, इस्पात की कीमतों में हुई यह कमी इस्पात कंपनियों द्वारा मिश्रित धातु की खुदरा कीमतों पर लगाम लगाने की वजह से हुई है। आधिकारिक बयान के मुताबिक, पिछले एक पखवाड़े के दौरान पिग आयरन, इनगॉट, राउंड्स, टीएमटी, एंगल, प्लेट, जीपी शीट और स्पांज आयरन की कीमतों में 3 से 6 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई।
डीलरों की कारोबारी गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखने से हॉट रोल्ड कॉयल्स (एचआरसी) और वॉयर रॉड की खुदरा कीमतों में भी गिरावट का रुख देखने को मिला है। सेल, टाटा, जेएसडब्ल्यू, एस्सार, इस्पात और जेएसपीएल जैसी इस्पात कंपनियों द्वारा 7 मई से कीमतें नहीं बढ़ाए जाने के बावजूद जून में इस्पात की खुदरा कीमतों में करीब 25 फीसदी तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी।
कीमतों में बढ़ोतरी से चिंतित इस्पात मंत्रालय ने जुलाई की शुरुआत में इस्पात उत्पादकों की बैठक बुलायी थी। इस बैठक में तय किया गया था कि इस्पात कंपनियों को निर्यात के लिए हतोत्साहित किया जाए। साथ ही, डीलरों के साथ मिलकर अधिकतम खुदरा मूल्य की पूरी प्रणाली की समीक्षा किया जाए।
सार्वजनिक क्षेत्र की इस्पात कंपनी सेल ने अपनी ग्राहक कंपनियों से कहा था कि वे एचआरसी पर अपना रिटेल मार्जिन 1,200 रुपये प्रति टन के दायरे में ही सीमित रखें। इसी प्रकार एस्सार स्टील ने लगभग सभी राज्यों में एचआरसी और सीआरसी के फ्लैट उत्पादों के बिक्री के लिए हाइपर मार्ट की स्थापना की है। टाटा स्टील ने भी कंपनी के मार्केटिंग विभाग के जरिए फ्लैट उत्पादों की बिक्री के निर्देश दिए हैं।