बरकरार रहेगी सीमेंट की जोरदार मांग

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 09, 2022 | 10:52 PM IST

घरेलू सीमेंट उद्योग ने मंदी के दौर में दिसंबर माह में उच्च विकास दर दिखाकर बाजार को अचंभित कर दिया था। मंदी के दौर में बेहतर प्रदर्शन का यह सिलसिला जनवरी महीने में भी बरकरार रहने की उम्मीद है।


इस उद्योग से जुड़े लोग और विश्लेषकों का कहना है कि यह महीना सीमेंट की मांग के लिहाज से बहुत बढ़िया होता है। दिसंबर महीने में इस उद्योग ने पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 12.11 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की।

इस माह में सीमेंट लदान 160.1 लाख टन रहा जो पिछले साल की समान अवधि में 142.8 लाख टन था। अक्टूबर तक विकास दर 7-8 प्रतिशत के करीब थी। जनवरी माह में सीमेंट की बिक्री के आंकड़े सीमेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (सीएमए) से अगले महीने के पहले सप्ताह में मिलेंगे।

सीएमए के अध्यक्ष एचएम बांगुर ने कहा, ‘बहरहाल इस महीने मांग बहुत बढ़िया है। मेरा मानना है कि कमोवेश सीमेंट की कुल बिक्री में बढत की दर पिछले महीने के बराबर ही रहेगी।’ बांगुर उत्तर भारत की बड़ी कंपनी श्री सीमेंट के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक भी हैं।

अगर सीमेंट की लदान में विकास दर चालू माह में भी 10 प्रतिशत से ज्यादा बनी रहती है तो तीन साल के अंतराल के बाद पहली बार ऐसा होगा कि उद्योग जगत में लदान की दर लगातार 10 प्रतिशत होगी। इसके पहले जनवरी 2006 में ऐसा हुआ था, जब इस उद्योग में लदान की दर रिकार्ड 14.34 प्रतिशत दर्ज की गई थी।

बेहतरीन विकास दर की प्रमुख वजह मुख्य तौर पर व्यक्तिगत गृह निर्माण और इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाएं हैं। बांगुर के मुताबिक, रियल एस्टेट की ओर से अभी भी सीमेंट की मांग बहुत कम आ रही है।

देश की सबसे बड़ी सीमेंट कंपनी एसीसी सीमेंट के प्रबंध निदेशक सुमित बनर्जी ने बिजनेस स्टैंटर्ड से कहा कि अभी तक के आंकड़ों के मुताबिक घरेलू बाजार में दिसंबर के अंत और जनवरी महीने में सीमेंट की मांग ज्यादा रही है।

देश भर में अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुकी एसीसी सीमेंट को मांग की कमी के चलते 25 लाख टन की क्षमता वाली अपनी हिमांचल प्रदेश की फैक्टरी बंद करनी पड़ी थी।

जेके लक्ष्मी सीमेंट के मुख्य वित्त अधिकारी शैलेंद्र चौकसे ने कहा, ‘दिसंबर महीने में हमारी कंपनी ने 12 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की है और हमारा अनुमान है कि जनवरी महीने में भी यह बढ़त बरकरार रहेगी, क्योंकि अभी भी बेहतर मांग बनी हुई है।’

घरेलू सीमेंट उद्योग की कुल क्षमता 31 दिसंबर को 20.70 करोड़ टन रहा। अप्रैल-दिसंबर 2008 के दौरान उत्पादन 10.178 करोड़ टन रहा, जबकि पिछले साल की समान अवधि में सीमेंट का उत्पादन 9.581 करोड़ टन था।

आदित्य बिड़ला समूह के अल्ट्राटेक सीमेंट के मुख्य वित्त अधिकारी केसी बिड़ला के मुताबिक, ‘दक्षिण, पूर्व और उत्तर भारत के बाजारों से मांग बेहतरीन बनी रहेगी। यह मांग रियल एस्टेट क्षेत्र से नहीं है, बल्कि व्यक्तिगत गृह निर्माण और इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र की ओर से मांग आ रही है, जिसके चलते बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है।’

पाकिस्तान से आने वाले सीमेंट पर काउंटर वेलिंग डयूटी और स्पेशल एडीशनल डयूटी फिर से लगाए जाने से घरेलू सीमेंट उद्योग को, खासकर उत्तर भारत के बाजार में कुछ राहत मिली है। इसके साथ ही सरकार द्वारा दो राहत पैकेज दिए जाने को भी सीमेंट उद्योग आशा की नजर से देख रहा है।

विश्लेषकों का कहना है कि वर्तमान हालात में अभी सीमेंट उद्योग कुछ और समय तक खुशियां महसूस करेगा।

पिछले 6 साल में जनवरी में सीमेंट की मांग


वर्ष                     खपत                        सालाना बढ़त
                    (मिलियन टन)                    (प्रतिशत)
2007-08                14.90                               5.15
2006-07                14.17                               8.33
2005-06                13.08                             14.34
2004-05                11.44                             11.94
2003-04                10.22                              6.02
2002-03                  9.64                              9.92
स्रोत : सीमेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन

First Published : January 22, 2009 | 10:46 PM IST