देश में अंगूर के लिए मशहूर नासिक से अंगूर के निर्यात में जबरदस्त बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
वित्त वर्ष 2007-08 (दिसंबर से अप्रैल तक के सीजन में) के दौरान पिछले साल की तुलना में 45.52 फीसदी निर्यात अधिक हुआ है। यह निर्यात तकरीबन 174.20 करोड़ रुपये का हुआ है।
वित्त वर्ष 2001-02 के 3,775.37 मीट्रिक टन अंगूर निर्यात की तुलना में इस साल अंगूर का निर्यात 7 गुना बढ़कर 27,650 मीट्रिक टन पर पहुंच गया है। गौरतलब है कि नासिक जिला अंगूर उत्पादन के लिए जाना जाता है। देश के कुल अंगूर निर्यात में नासिक की हिस्सेदारी 55 फीसदी की है जबकि राज्य (महाराष्ट्र) के कुल अंगूर निर्यात का 75 फीसदी नासिक से होता है।
कृषि अधिकारी धनंजय वाडेकर ने बिजनेस स्टैंडर्ड से बातचीत में कहा कि फलों के निर्यात में कार्पोरेट क्षेत्र के आने से फलों के निर्यात में वृद्धि हुई है। बुधवार तक 13 देशों को 27,650 मीट्रिक टन अंगूर का निर्यात किया जा चुका है। जिन देशों को अंगूरों का निर्यात किया गया है उनमें इंग्लैंड, हॉलैंड, जर्मनी, आयरलैंड, पोलैंड, रूस, बेल्जियम, दुबई, सिंगापुर, हांगकांग, नॉर्वे, नीदरलैंड और ताइवान शामिल हैं। नासिक में साल दर साल अंगूर के निर्यात में बढ़ोतरी हो रही है।
वाडेकर का कहना है कि इस सत्र में 131 निर्यात इकाइयों ने नासिक से अंगूरों का निर्यात किया। इस साल जिला कृषि अधीक्षक ने 14,396 अंगूर उत्पादकों को अंगूर निर्यात के लिए लाइसेंस दिया। एपीईडीए के मानकों के तहत निर्यात के लिए जरूरी तकरीबन 2,243 प्रमाण पत्र भी दिए गए हैं।
महिंद्रा शुभलाभ सर्विसेज लिमिटेड जैसी स्थानीय इकाइयों ने इस वर्ष लगभग 2599.29 मीट्रिक टन अंगूर का निर्यात किया। जो कि किसी भी इकाई द्वारा किया जाने वाला सबसे अधिक निर्यात है। इस सूची में 1851.39 मीट्रिक टन अंगूरों के निर्यात के साथ फ्रेशट्रॉप फ्रूट्स लिमिटेड का दूसरा स्थान रहा। जबकि 1699.2 मीट्रिक टन के निर्यात के साथ फील्ड फ्रेश इस सूची में चौथे स्थान पर रही।
इसके बाद नामधारी फार्म फ्रेश प्राइवेट लिमिटेड (1066.15 मीट्रिक टन), इंडियाग्लोबल वेंचर (994.64 मीट्रिक टन), काल्या एक्सपोर्ट (901.69 मीट्रिक टन ) का स्थान रहा। इस साल यानी 2007-08 में नासिक में अंगूर की खेती का दायरा बढ़ गया। इस साल अंगूर के रकबे में 5000 से 40,000 हेक्टेयर की वृद्धि हुई है।