विदेश में भारतीय गहनों की मांग तेजी से बढ़ रही है। यही वजह है कि मई, 2008 में देश का रत्न एवं आभूषण निर्यात 36 फीसदी से ज्यादा बढ़कर 1.8 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
पिछले साल मई में देश से 1.3 अरब डॉलर का निर्यात किया गया था। रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी) के मुताबिक निर्यात में सबसे ज्यादा स्वर्ण आभूषण शामिल थे जिसका निर्यात करीब 50 फीसदी बढ़कर 41.6 करोड़ डॉलर का रहा।
परिषद के अनुसार देश से स्वर्ण आभूषणों का सबसे ज्यादा निर्यात अमेरिका और संयुक्त अरब अमीरात को किया जाता है। जीजेईपीसी के एक अधिकारी ने बताया कि हांगकांग से मांग में उल्लेखनीय वृध्दि की वजह से कटे और तराशे हीरों का निर्यात 42 फीसदी तक बढ़कर 1.2 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जबकि गैर तराशे हीरे का निर्यात भी बढ़कर 5.16 करोड़ डॉलर हो गया।
उन्होंने कहा कि देश से 32.87 लाख कैरट कटे एवं तराशे हीरे और 25.60 लाख कैरट गैर तराशे हीरे का लदान किया गया। इस बीच, चालू वित्त वर्ष के प्रथम दो महीनों (अप्रैल और मई) के दौरान रत्न एवं आभूषण का निर्यात पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 33.27 फीसदी बढ़कर 3.5 अरब डॉलर का रहा। वर्ष 2007-08 के दौरान देश से 20.88 अरब डॉलर मूल्य के रत्न एवं आभूषणों का निर्यात किया गया था।