दाल का बाजार इन दिनों मंदा है। थोक व्यापारियों के मुताबिक सरकारी दबाव के कारण दाल की बिक्री घाटे के साथ करनी पड़ रही है।
स्टॉक को निकालने के कारण दाल की कीमत में इन दिनों 200 रुपये प्रति क्विंटल तक की गिरावट आ गयी है। बिकवाली के लिए दबाव के कारण अनाज व्यापारियों ने दिल्ली का अनाज स्टॉक खत्म कर हड़ताल पर जाने की धमकी दी है।
उनका आरोप है कि सरकार उन्हें कम कीमत पर अनाज बेचने को मजबूर कर रही है। इन कारोबारियों ने अपनी परेशानियों को लेकर मुख्यमंत्री शीला दीक्षित से भी मुलाकात की है। सरकारी छापे के खिलाफ अपनी रणनीति तैयार करने के लिए मंगलवार को शाम अनाज कारोबारियों की बैठक भी होने वाली है। उधर सरकार का कहना है कि छापे की कार्रवाई कीमत पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से की जा रही है।
दिल्ली के ग्रेन मर्चेंट्स एसोसिएशन के प्रधान ओम प्रकाश जैन ने बताया कि दिल्ली में रोजाना 1.25 लाख क्विंटल अनाज की खपत है। लेकिन सरकार इस खपत की सिर्फ 4 फीसदी की पूर्ति करती है। ऐसे में दिल्ली के कारोबारी मांग के हिसाब से अपने स्टॉक को रखते हैं। लेकिन सरकार इन दिनों विभिन्न जगहों पर छापे की कार्रवाई कर रही है।
सरकारी छापे के कारण दाल के व्यापारियों को काफी नुकसान हो रहा है। चना दाल की कीमत 100 रुपये की गिरावट के साथ 2875-3100 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर है। मूंग छिलका व मूंग धोया में प्रति क्विंटल 200 रुपये तक की गिरावट आ गयी है। मूंग छिलका दाल मंगलवार को प्रति क्विंटल 2600-2875 रुपये की दर से बिक रही थी वहीं मूंग धोया 2900-3425 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर है।
उड़द दाल भी गिरावट के साथ 2875-3325 रुपये प्रति क्विंटल पर नजर आ रही है।ग्रेन मर्चेंट एसोसिएशन के मुताबिक गेहूं में भी मंदी चल रही है। गेहूं की कीमत बाजार में 1080-1100 रुपये प्रति क्विंटल बतायी जा रही है। अनाज आढ़तियों का कहना है कि सरकार 1000 रुपये प्रति क्विंटल की दर से गेहूं खरीद रही है। लेकिन थोक मंडी में इसकी बिक्री मात्र 1080 रुपये प्रति क्विंटल की दर से हो रही है।
थोक कारोबारियों के मुताबिक सिर्फ चावल का बाजार इन दिनों तेज है। उनके मुताबिक यह तेजी निर्यात सीमा में बढ़ोतरी के कारण आयी है। गैर बासमती चावल की कीमत मंगलवार को 1275-1600 रुपये प्रति क्विंटल थी तो बासमती चावल की कीमत 6450-6950 रुपये प्रति क्विंटल बतायी जा रही है।