बाजार में आलू की दुर्गति देख उत्तर प्रदेश की सरकार अब जाकर सचेत हुई है। सरकार ने आलू का निर्यात करने वालों और उसका भंडारण राज्य से बाहर करने वालों को राहत देने का फैसला किया है।
प्रदेश की सीमा से 500 किलोमीटर दूर जाकर आलू बेचने वालों को अब 25 रुपये की परिवहन सब्सिडी दी जाएगी। यह सरकारी सब्सिडी परिवहन भाड़े का 25 फीसदी या 25 रुपये प्रति क्विंटल (जो भी कम हो) आलू व्यापारियों को दी जाएगी।
अगर सरप्लस आलू का निर्यात किसी अन्य देश को किया जाता है तो बंदरगाहों तक पहुंचाने के किराए का 40 फीसदी या 100 रुपये प्रति क्विंटल (जो भी ज्यादा हो) सरकार देगी। अगर आलू व्यापारी अपने माल का भंडारण किसी और राज्य में करते हैं तो सरकार भंडारण शुल्क का 20 फीसदी बतौर अनुदान देगी। राज्य कैबिनेट ने यह फैसला 2007-08 में आलू की बंपर पैदावार होने के मद्देनजर लिया है।
गौरतलब है कि 2007-08 में उत्तर प्रदेश में कुल 130 लाख टन आलू की पैदावार हुई थी, जो पिछले पांच साल का रेकॉर्ड है। भंडारण गृहों की क्षमता कम होने के चलते करीब 25 लाख टन फसल के नुकसान का अनुमान है। बारिश के कारण प्रदेश में अब तक 242 लोगों की जान जा चुकी है। सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक, बारिश केकारण जिसकी जान गई है, उनमें से 23 लोगों को हाल ही में आर्थिक सहायता दी गई है।