मलयेशिया में लगातार दूसरे हफ्ते पाम ऑयल की कीमतों में तेजी का रुख रहा। इसकी वजह दुनिया भर में खाद्य और जैव ईंधन के रूप में इसकी बढ़ती मांग को समझा जा रहा है।
दरअसल इस समय कच्चे तेल की कीमतें पूरे उफान पर हैं, और जैवईंधन बनाने के लिए काम में आने वाले सोयाबीन की तुलना में पॉम ऑयल सस्ता भी पड़ता है। इससे इस बात में दम नजर आता है कि र्जव ईंधन बनाने के लिए पॉम ऑयल की मांग बढ़ रही है, नतीजतन कीमतें बढ़ रही हैं।
गुरुवार को सोयाबीन ऑयल की तुलना में पाम ऑयल की कीमतों में अंतर बढ़कर 14.2 फीसदी तक पहुंच गया। एक समाचार एजेंसी के आंकड़ों के मुताबिक 17 नवंबर 2007 के बाद से यह अब तक का सबसे बड़ा अंतर है।