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Adani Group ने दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा रक्षा मैन्युफैक्चरिंग कॉम्पलैक्स खोला

Adani Group ने उत्तर प्रदेश में दो बड़े रक्षा निर्माण प्लांट खोले हैं।

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भाषा   
Last Updated- February 26, 2024 | 7:23 PM IST

Adani Group ने रक्षा विनिर्माण में अपनी उपस्थिति मजबूत करते हुए सोमवार को गोला-बारूद और मिसाइलों के निर्माण के दो बड़े प्लांट खोलने की घोषणा की जो दक्षिण एशिया में सबसे बड़ा रक्षा मैन्युफैक्चरिंग कॉम्पलैक्स है। अदाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस ने 500 एकड़ में फैले इन कारखानों के विकास पर 3,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है।

यहां पर गोला-बारूद का निर्माण किया जाएगा। Adani Group की यह कंपनी मानव रहित खंड, काउंटर ड्रोन, खुफिया, निगरानी और टोही प्रौद्योगिकी एवं साइबर रक्षा क्षेत्र में क्षमता विकास पर केंद्रित है।

कंपनी ने बयान में कहा, ‘‘भारत में निजी क्षेत्र में अपनी तरह के पहले अत्याधुनिक प्लांटों से रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और प्रौद्योगिकी प्रगति को प्रोत्साहन मिलेगा। इन रक्षा निर्माण इकाइयों का अनावरण बालाकोट हवाई हमले की पांचवीं वर्षगांठ पर किया गया।’’

Adani Group की इन रक्षा उत्पादन इकाइयों का उद्घाटन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे और मध्य कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एन.एस. राजा सुब्रमणि ने किया। बयान के मुताबिक, यह रक्षा मैन्युफैक्चरिंग कॉम्पलैक्स सबसे बड़े एकीकृत गोला-बारूद विमैन्युफैक्चरिंग कॉम्पलैक्सों में से एक बनने की राह पर है।

यह सशस्त्र बलों, अर्धसैनिक बलों और पुलिस के लिए उच्च गुणवत्ता वाले छोटे, मध्यम और बड़े कैलिबर वाले गोला-बारूद का उत्पादन करेगा। कंपनी ने बयान में कहा कि यहां पर छोटे कैलिबर के गोला-बारूद का उत्पादन शुरू हो चुका है। देश की कुल गोला-बारूद में छोटे कैलिबर वाले गोला-बारूद की हिस्सेदारी 25 प्रतिशत है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जब इन इकाइयों में उत्पादित गोला-बारूद और मिसाइल देश को सुरक्षित रखने में मदद करेंगी तो वह गौरव का पल होगा। सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने मिसाइलों और गोला-बारूद में आत्मनिर्भरता की जरूरत पर बल देते हुए कहा, ‘‘इतने बड़े निवेश और महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों को स्वदेशी बनाने के लिए अदाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस की इच्छा ने उपयोगकर्ताओं में रणनीतिक सैन्य आपूर्ति के लिए भारतीय निजी उद्योग पर निर्भर रहने का विश्वास जगाया है। यह परिसर रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में मील का पत्थर है।’’

इस मौके पर कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) आशीष राजवंशी ने कहा, ‘‘इन परिसरों की स्थापना आत्मनिर्भरता की हमारी खोज में एक छलांग को दर्शाती है। यह 4,000 से अधिक नौकरियां पैदा करेगा जिसका एमएसएमई पर पांच गुना अधिक प्रभाव पड़ेगा और स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र को भी इससे परोक्ष लाभ होगा।’’

First Published : February 26, 2024 | 7:23 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)