एयर टरबाईन फ्यूल (एटीएफ) की कीमतों में इजाफा होने से परेशान विमानन कंपनियां विभिन्न रूटों पर उड़ानों की संख्या में कटौती की तैयारी कर रही हैं।
इस बात का निर्णय शुक्रवार को एयरलाइंस कंपनियों के प्रमुखों की बैठक में लिया गया। बैठक में किंगफिशर के विजय माल्या, जेट एयरवेज के नरेश गोयल, गो एयर के जेह वाडिया और स्पाइस जेट के सिद्धार्थ शर्मा शामिल थे।
फेडरेशन ऑफ इंडियन एयरलाइंस (एफआईए) ने राज्य सरकार से मांग की कि एयरलाइंस कंपनियों को एटीएफ पर बिक्री कर में कटौती करे। वर्तमान में यह कर 4 फीसदी से 30 फीसदी के बीच है। बैठक में इस बात पर भी विचार किया गया कि अगर सरकार ऐसा नहीं करती है, तो विभिन्न रूटों पर एयरलाइंस कंपनियां अपनी उड़ानों की संख्या में कटौती कर सकती हैं।
ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि सोमवार को नई दिल्ली में होने वाली राज्यों के वित्त मंत्रियों की बैठक में केंद्रीय नागरिक उडयन मंत्री प्रफुल्ल पटेल बिक्री करों में कटौती की अपील कर सकते हैं। एफआईए के चेयरमैन विजय माल्या ने कहा कि सरकार अगर करों में कटौती नहीं करती है, तो एयरलाइसं कंपनियां उड़ानों की संख्या में कटौती को विवश होंगी, जिससे कनेक्टिविटी पर असर पड़ेगा और यात्रियों को परेशानी हो सकती है।
वैसे, कई एयरलाइंसों ने उड़ानों की संख्या घटानी शुरू कर दी हैं। गो एयर ने जयपुर की उड़ान रद्द कर दी है, वहीं बेंगलुरु और हैदराबाद रूट की उड़ानों में भी कटौती करने का मन बना रही है। सितंबर तक जेट एयरवेज भी पूर्वोत्तर भारत और पोर्ट ब्लेयर सहित अन्य रूटों पर उड़ानों की संख्या में कटौती की योजना बना रही है।
जेट लाइट के सीओओ राजीव गुप्ता का कहना है कि एटीएफ कीमत बढ़ने से कंपनी को ऐसा कदम उठाना पड़ रहा है। जेट लाइट ने दिल्ली-चंडीगढ़, अहमदाबाद-जयपुर, मुंबई-भुज और हैदराबाद-बेंगलुरु की उड़ानों में कटौती की है, वहीं अगले महीने अन्य दस रूटों पर उड़ानों की संख्या घटाने का मन बना रही है।