रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी समूह (एडीएजी) दिल्ली हवाईअड्डे कोक आधुनिक बनाने का ठेका भले ही जीएमआर समूह के हाथों हार गया हो, पर एडीएजी अब चेक गणराज्य की राजधानी प्राग में कंपनी से लड़ने की तैयारी में है।
प्राग हवाईअड्डे के आधुनिकीकरण के लिए जल्द ही प्रस्ताव स्वीकार किए जाएंगे।
प्राग पर नजर
पिछले हफ्ते एडीएजी की कंपनी रिलायंस एयरपोर्ट डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड ने प्राग के अधिकारियों को सूचित किया कि वह हवाईअड््डे के आधुनिकीकरण में दिलचस्पी रखती है।
सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि एडीएजी की चाहत इस ठेके में 100 फीसदी की हिस्सेदारी हासिल करने की है। अगर हवाईअड्डे के अधिकारी 100 फीसदी हिस्सेदारी बेचने को तैयार नहीं होते हैं तो कंपनी साझा हिस्सेदारी के लिए भी तैयार है।
मगर तगड़ी होड़
जीएमआर ने भी इस परियोजना में हिस्सेदारी के लिए अपनी इच्छा जताई है। परियोजना के लिए दूसरे दावेदारों में हैदराबाद की जीवीके और रुइया समर्थित एस्सार टेकनीक्स भी शामिल हैं।
यह पहली दफा है जब एडीएजी की नजर किसी विदेशी हवाईअड्डा परियोजना पर है। सूत्रों के अनुसार अगर एडीएजी को पूरी परियोजना को अपने हिस्से में करना है तो उसे खरीद के लिए चार से पांच अरब डॉलर चुकाने पड़ेंगे।
इस बात की भी पूरी संभावनाएं हैं कि कंपनी प्राग हवाई अड्डे के लिए बोली लगाने के लिए किसी अंतरराष्ट्रीय कंपनी से करार कर सकती है। हालांकि, एडीएजी के प्रवक्ता ने इस मसले पर कोई खुलासा करने से इनकार किया है।
रूजीन चेक गणराज्य का सबसे बड़ा हवा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा है, जो राष्ट्रीय विमान चेक एयरलाइंस और स्काई यूरोप और स्मार्ट विंग्स जैसी सस्ती विमान सेवाओं के लिए प्रमुख केंद्र की तरह है। इस हवाईअड्डे की क्षमता सालाना 2.5 करोड़ यात्रियों को आवागमन की सेवा प्रदान करने की है।
हवाईअड्डे के अधिकारियों की योजना पैसेंजर टर्मिनल और रनवे को विकसित करने की है। यूरोप में, खासतौर पर पूर्वी यूरोप में कई देश हवाईअड्डों के निजीकरण पर बल दे रहे हैं। इससे एयरपोर्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनियों के पास नई संभावनाएं उभर कर आ रही हैं।
उदाहरण के तौर पर जीएमआर अपनी अंतरराष्ट्रीय कारोबारी इकाई को भारत से हटाकर लंदन ले गई है ताकि नई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा परियोजनाओं पर अच्छी तरह से नजर रखी जा सके।
हालांकि, हवाईअड्डे को विकसित करने के कारोबार में एडीएजी को अब तक कोई खास सफलता हासिल नहीं हुई है। कंपनी हाल ही में दिल्ली और मुंबई हवाईअड्डों के आधुनिकीकरण की परियोजना पर भी कब्जा नहीं जमा पाई थी।
…हवाई पट्टी पर आमने सामने होंगे दिग्गज
प्राग हवाई अड्डे को नई सूरत देने के लिए अनिल अंबानी ने कस ली है कमर
सबसे कड़ा मुकाबला जीएमआर समूह के साथ
दिल्ली में हवाई अड्डे का ठेका ले उड़ा था जीएमआर
रिलायंस एयरपोर्ट डेवलपर्स को उम्मीद कि इस बार ठेका लेकर चुका लेगी बदला