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भारत से वियतनाम जा रहे Apple के चीनी साथी, क्या है देश में कारोबार फेल रहने की वजह?

मई में कंपनी ने कथित तौर पर कहा कि वह भारत में निवेश तभी करेगी, जब उसे देश के कारोबारी माहौल की गारंटी मिले।

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सुरजीत दास गुप्ता   
Last Updated- November 17, 2023 | 8:04 AM IST

ऐपल इंक को चीन में कलपुर्जे देने वाली सबसे बड़ी कंपनियों में से एक लक्सशेयर भारत में भी ठेके पर असेंबलिंग करती है। मगर अब वह नया निवेश वियतनाम में करने जा रही है।

लक्सशेयर ऐपल के लिए एयरपॉड्स बनाने वाली मुख्य कंपनी है और आईफोन के लिए भी आपूर्ति करेगी। मगर पिछले तीन साल में भारत में कारोबार बढ़ाने के कई प्रयास विफल रहने के बाद उसने 33 करोड़ डॉलर का अपना नया निवेश वियतनाम के बाए गियांग प्रांत में करने का निर्णय किया है। वहां की सरकार ने पिछले हफ्ते ही उसके निवेश लाइसेंस को मंजूरी दी है। साथ ही वियतनाम में उसका कुल निवेश बढ़कर 50.4 करोड़ डॉलर हो जाएगा।

यह फैसला तब लिया गया है, जब ऐपल इंक ने टाटा जैसी भारतीय कंपनियों को अपनी आपूर्ति श्रृंखला का हिस्सा बनाया है। टाटा पहले आईफोन के लिए एनक्लोजर ही बनाती थी मगर हाल ही में उसने ठेके पर आईफोन बनाने वाली कंपनी विस्ट्रॉन का अधिग्रहण कर लिया। अब वह आईफोन भी बनाएगी। लक्सशेयर ने इस निर्णय के बारे में पूछे गए सवालों का कोई जवाब नहीं दिया। ऐपल से भी कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।

फॉक्सकॉन के एक कारखाने में मामूली कामगार वांग लाइचुन ने लक्सशेयर की नींव रखी थी और इसने 2019 में भारत में अपना दफ्तर खोला। तमिलनाडु में मोटोरोला का बंद पड़ा कारखाना खरीदने के लिए उसने 2020 में राज्य सरकार के साथ करार किया और ऐपल के लिए पुर्जे बनाने के वास्ते 750 करोड़ रुपये निवेश का वादा भी किया। भारत-चीन रिश्तों में तनाव ने खटास बढ़ा दिया। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की उसकी अर्जी को भी मंजूरी नहीं मिली।

घटनाक्रम के जानकार सूत्रों का कहना है कि पिछले एक साल में कई मौकों पर लक्सशेयर के अधिकारियों को वीजा देने से इनकार कर दिया गया था। इस साल लक्सशेयर सहित 14 चीनी कंपनियों को इस शर्त पर प्रारं​भिक मंजूरी दी गई कि वे साझा उपक्रम बनाएंगी। यह भी नहीं हो पाया।

मई में कंपनी ने कथित तौर पर कहा कि वह भारत में निवेश तभी करेगी, जब उसे देश के कारोबारी माहौल की गारंटी मिले। तभी साफ हो गया था कि मामला कुछ गड़बड़ है। 2004 में बनी लक्सशेयर को 2010 में शेनझेन स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध कराया गया था और ऐपल इंक के साथ सौदों में यह फॉक्सकॉन को टक्कर दे रही है। इसे चीन में अव्वल दर्जे की तकनीकी असेंबलिंग कंपनी माना जाता है। इसने बाजार में जल्द ही आने वाला ऐपल का मिस्क्ड रियलिटी विजन प्रो हैंडसेट बनाने का ठेका भी हासिल कर लिया है।

वियतनाम सरकार के बयान के मुताबिक 72 एकड़ में बने कारखाने में कंपनी नए निवेश से स्मार्टफोन, संचार उपकरण, टच फोन, स्मार्ट पोजि​शनिंग टैग औैर स्मार्ट वॉच के लिए तार बनाएगी। कारखाना दो साल में तैयार हो जाएगा।

पिछले साल ऐपल की बड़ी आपूर्तिकर्ता बीवाईडी भी भारत में कामकाज बढ़ाने की कोशिश नाकाम रहने के बाद बाहर चली गई थी। बीवाईडी ने फरवरी 2021 में भारत में आईपैड असेंबलिंग संयंत्र की कोशिश की थी। उससे पहले 2020 में कंपनी ने स्मार्टफोन के लिए उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना में भागीदारी का प्रयास किया था। लेकिन गलवान मामले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने के कारण कंपनी का प्रस्ताव भी खारिज कर दिया गया।

इसके बाद बीवाईडी ने आईपैड बनाने का काम वियतनाम ले जाने का फैसला किया।

First Published : November 16, 2023 | 11:52 PM IST