अवंता को भी भा गई बिजली

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 05, 2022 | 9:20 PM IST

बिजली की बढ़ती मांग और कम आपूर्ति ने बड़ी-बड़ी कंपनियों को इस क्षेत्र की ओर खींचना शुरू कर  दिया है।


रिलायंस जैसे दिग्गज समूह और तमाम सरकारी कंपनियों के अलावा भी दूसरी कंपनियां बिजली से पैसा कमाने की सोचने लगी हैं। अरबपति गौतम थापर का समूह अवंता गु्रप भी दो बिजली संयंत्रों के निर्माण की योजना बना रहा है।


अवंता गु्रप के अध्यक्ष गौतम थापर ने बताया कि समूह की कंपनी कि अवंता पावर ऐंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड 600 मेगावाट की क्षमता वाले दो विद्युत संयंत्रों की स्थापना करेगी। इन विद्युत संयंत्रों के निर्माण पर तकरीबन 5,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। कंपनी इसके लिए निजी इक्विटी फंडों के जरिये निवेश की संभावना तलाश रही है।


थापर पांच वर्षों में राजस्व को दोगुना कर 40,000 करोड़ रुपये करने की योजना के के तहत अपने विद्युत वितरण और उत्पादन व्यवसायों को संघटित करेंगे।अवंता ने अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए हंगरी में प्रसंस्कृत खाद्य बनाने वाली एक प्रमुख कंपनी को खरीदने की योजना बनाई है।


भारत की आर्थिक विकास की दर 2003 से ही औसतन 8.7 प्रतिशत रही है और मांग के लिहाज से बिजली की ज्यादा मांग वाली अवधि यानी पीक आवर में आपूर्ति में 14.8 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है। कई निजी कंपनियों ने 50 वर्षीय समझौते के तहत बिजली ठेके पर बेचने के लिए दिलचस्पी दिखाई है। इन कंपनियों और समूहों में अवंता भी शामिल है।


2003 में भारत में ट्रांसमिशन नेटवर्क की उपयोगिता से संबद्ध नियमों में फेरबदल हुआ। इससे  कंपनियों के लिए लंबी अवधि के खरीदारी समझौते किए बगैर संयंत्र स्थापित करने का रास्ता साफ हुआ।


थापर ने अगले 12 महीनों में अवंता पावर के तहत समूह की यूटीलिटीज को संघटित करने की योजना बनाई है। कंपनी ने 2004 में बल्लारपुर इंडस्ट्रीज लिमिटेड से 95 मेगावाट क्षमता वाली दो इकाइयां खरीदीं।  अवंता पावर को पहले बिल्ट पावर लिमिटेड के नाम से जाना जाता था।थापर ने कहा कि दोनों संयंत्रों की क्षमता अगले दो वर्षों में 80 मेगावाट कर दिया जाएगा।

First Published : April 12, 2008 | 1:04 AM IST