बढ़ती ईंधन कीमतों से विमानन उद्योग में मची उथल-पुथल

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 3:02 AM IST

विमानन कंपनियां जेट एयरवेज और किंगफिशर एयरलाइंस विलय और अधिग्रहण के दूसरे दौर के लिए कदम बढ़ा सकती हैं। बढ़ती तेल कीमतों और नुकसान से बेहाल कई छोटी विमानन कंपनियां  अपना कामकाज बंद करने की संभावना तलाश रही हैं।


बढ़ती तेल कीमतों का असर

सरकारी तेल कंपनियों ने एविएशन टर्बाइन फ्यूल (एटीएफ)  की कीमतों में 18.5 फीसदी तक की बढ़ोतरी कर दी है। इन कंपनियों ने अंतर्राष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी को ध्यान में रखकर एटीएफ की कीमतों में यह इजाफा किया है।

सेंटर फॉर एशिया पैसीफिक एविएशन (सीएपीए) के मुख्य कार्यकारी कपिल कौल ने बिजनेस स्टैंडर्ड से बातचीत के दौरान कहा, ‘हम इस वर्ष के अंत तक कई कंपनियों को इस उद्योग से अलविदा होते हुए देखेंगे। यदि किंगफिशर और जेट एयरवेज जैसी बड़ी कंपनियों को सही कीमत मिलती है तो वे अन्य एयरलाइंस का अधिग्रहण कर सकती हैं।’

उद्योग जगत का भविष्य

सीएपीए ने पूर्व में चालू वित्तीय वर्ष के लिए इस उद्योग के लिए 2800 करोड़ रुपये के नुकसान की भविष्यवाणी की थी। अब तेल कीमतों के 5400 रुपये प्रति बैरल से अधिक हो जाने के बाद सीएपीए अपने इस अनुमान में संशोधन कर रहा है।

विमानन उद्योग सरकारी विमानन कंपनियों इंडियन और एयर इंडिया के विलय और जेट एयरवेज तथा किंगफिशर द्वारा एयर सहारा और डेक्कन के अधिग्रहण का गवाह रहा है। अधिग्रहण के संबंध में कौल का कहना है कि विमानन कंपनियां सार्थक भागीदारी की संभावना तलाशेंगी।

मिलकर लड़ेंगी कंपनियां

उन्होंने कहा, ‘उद्योग में मौजूदा संकट से विमानन कंपनियां एक साथ मैदान में नजर आएंगी और एक-दूसरे का पूरक बनने पर बातचीत करेंगी। हम रणनीतिक भागीदारी और बातचीत की संभावना तलाशेंगे और कंपनियों के पास प्रतिस्पर्धा के प्रति और अधिक तर्कपूर्ण दृष्टिकोण होगा।’

सीएपीए के मुताबिक विमानों के लिए उच्च लीज किराए जैसे मुद्दे और कुशल पेशेवरों की किल्लत आदि पर अब उद्योग द्वारा ध्यान केंद्रित किया जाएगा। तेजी से बढ़ते एटीएफ खर्च ने पूरे विश्व में विमानन कंपनियों के मुनाफे को नुकसान पहुंचाया है।  उद्योग के पुनर्गठन को लेकर एक व्यापक कदम उठाया जाएगा।

सीएपीए ने जिक्र किया है कि सरकार की ओर से इस नुकसान को कम किया जाना दीर्घावधि के लिए सकारात्मक कदम होगा। कौल ने कहा, ‘हम एयरलाइन कारोबार के सभी पहलुओं पर विचार करेंगे, चाहे यह कमर्शियल हो या ऑपरेशनल। कुछ अनिश्चितताओं के साथ हम अगले 12 महीनों के लिए मैदान में उतरेंगे।’

First Published : June 3, 2008 | 12:24 AM IST